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Last Modified: नई दिल्ली-कोलकाता , मंगलवार, 7 जुलाई 2015 (00:35 IST)

व्यापमं घोटाला : विपक्ष ने की चौहान के इस्तीफे की मांग तेज

व्यापमं घोटाला : विपक्ष ने की चौहान के इस्तीफे की मांग तेज - Wyapmn scam, Shivraj Singh Chouhan
नई दिल्ली-कोलकाता। व्यापमं घोटाले में रोजाना मौत के बढ़ते मामलों के बीच मध्य प्रदेश में विपक्ष ने सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बर्खास्‍त करने की मांग तेज कर दी, लेकिन भाजपा ने अपने नेता का बचाव किया और सीबीआई जांच का आदेश दिए जाने की बात को खारिज कर दिया।
कांग्रेस, वाम दलों और आम आदमी पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरते हुए उन पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।
 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, शिवराज सिंह चौहान को बर्खास्‍त किया जाना चाहिए और व्यापमं घोटाले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार को अगली 'अप्राकृतिक मौत' से पहले सीबीआई जांच का आदेश देना चाहिए।
 
कांग्रेस प्रवक्ता पीसी चाको ने कहा, मुख्यमंत्री को नहीं बख्शा जा सकता। उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, देश में जो हो रहा है उस पर प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए और इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि तृणमूल कांग्रेस आगामी मानसून सत्र के दौरान संसद में व्यापमं भर्ती घोटाले का मुद्दा उठाएगी।
 
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा,यह महज कानून एवं व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। यह उससे कहीं बड़ा है। इतनी अधिक हत्याएं हुई हैं। कई लोग शामिल हैं। ए नृशंस हत्याएं हैं।’’ व्यापम घोटाले की सीबीआई जांच की मुखर हो रही मांग के बीच भारतीय जनता पार्टी ने आज कहा कि वह ऐसी किसी जांच के विरूद्ध नहीं है लेकिन फैसला मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से आना चाहिए, जो मामले की निगरानी कर रहा है।
 
वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा,हम उच्च न्यायालय से सीबीआई जांच या किसी अन्य जांच के लिए क्यों कहें? अदालत द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है और वह सीधे उच्च न्यायालय को रिपोर्ट कर रहा है। अदालत मामले पर संज्ञान ले रही है और वह जो चाहे फैसला कर सकती है। किसी भी जांच से हमें ऐतराज नहीं है। 
 
भाजपा नेताओं का दावा है कि जुलाई 2013 में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से 55 से अधिक मामले दायर हो चुके हैं और व्यापमं घोटाले के विभिन्न मामलों में 2500 आरोपियों में से 2000 के लगभग लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
 
उनका कहना है कि मृतकों में से किसी के भी परिजन ने किसी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगाया है। केवल एक मामला अपवाद है, जिसमें ग्वालियर जेल में बंद आरोपी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।
 
उन्होंने कहा कि पत्रकार की मौत पर भी राज्य सरकार ने उसके परिवार की सभी मांगें स्वीकार कर लीं, जिनमें डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा पोस्टमार्टम कराना तथा इसकी वीडियो रिकार्डिंग कराने की मांग भी शामिल है।
 
कांग्रेस का दावा है कि प्रवेश परीक्षा और भर्ती के इस बड़े घोटाले से जुड़े 45 लोगों की अप्राकृतिक मौत हो चुकी है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।
 
माकपा ने भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार पर आज आरोप लगाया कि वह अपराध और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन दे रही है। माकपा ने दोहराया कि व्यापमं घोटाले की जांच उच्चतम न्यायालय की निगरानी में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम से कराई जानी चाहिए।
 
पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने एक शब्द भी नहीं कहा। एक भी ट्वीट नहीं किया और ना ही कोई संवाद किया इसलिए किसी को नहीं पता है कि प्रधानमंत्री क्या सोच रहे हैं। येचुरी ने कहा कि मोदी की चुप्पी सबसे खराब बात है क्योंकि खुद मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर चुप्पी साधने का आरोप मढ़ते आए हैं।
 
व्यापमं घोटाले से जुड़े व्यक्तियों की रहस्यमय मौतों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल खड़ा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज मोदी के हस्तक्षेप एवं मामले की सघन जांच की मांग की। 
 
उन्होंने ट्वीट किया, लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री व्यापमं मुद्दे पर कुछ बोलें और हस्तक्षेप करें। प्रधानमंत्री को अब और चुप नहीं रहना चाहिए। व्यापमं घोटाले और उससे जु़ड़ी सारी मौतों की सघन जांच की जानी चाहिए। दोषियों को अवश्य दंडित किया जाना चाहिए। और मौत नहीं हों, इसके लिए अवश्य कुछ किया जाना चाहिए। 
 
इस बीच कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव की व्यापमं घोटाले में कथित संलिप्तता को लेकर उन्हें पद से हटाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया, वहीं भाजपा यह कहते हुए रक्षात्मक नजर आई कि इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
 
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्र ने कहा, व्यापमं घोटाले की सचाई सामने आनी चाहिए और आने वाले समय में कई उच्च पद पर बैठे लोग बेनकाब होंगे। प्रदेश में जंगलराज चल रहा है।
 
वहीं, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. हितेश बाजपेयी ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज है और उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय सहित सभी अदालतों के फैसलों और निर्देशों का सम्मान करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस व्यापमं घोटाले से जुड़े हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है।
 
मध्य प्रदेश और केंद्र में सत्तारुढ़ भाजपा पर व्यापमं घोटाले की पड़ताल करने का इरादा नहीं होने का आरोप लगाते हुए स्वराज अभियान ने आज मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की।
 
पूर्व आप नेताओं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के संगठन ने कहा कि घोटाले में शीर्ष अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच होनी चाहिए। इस बीच प्रशांत भूषण ने घोटाले में स्वतंत्र जांच के लिए एक व्हिसलब्लोअर के तौर पर उच्चतम न्यायालय में पेश होने पर सहमति जताई। (भाषा)