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Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 2 सितम्बर 2015 (23:06 IST)

श्रमिक हड़ताल से 25 हजार करोड़ का नुकसान

श्रमिक हड़ताल से 25 हजार करोड़ का नुकसान - Workers strike
नई दिल्ली। प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठनों की बुधवार की देशव्यापी हड़ताल से बैंकिंग, कोयला, सीमेंट, बिजली आपूर्ति, तेल एवं गैस परिवहन, भंडारण और बंदरगाह आदि क्षेत्रों में कामकाज प्रभावित होने से तकरीबन 25 हजार करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
 
उद्योग संगठनों का कहना है कि श्रमिक संगठनों की 1 दिन की हड़ताल से करोड़ों रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। इससे सभी आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने की खबर मिल रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में उत्पादन बंद है और बंदरगाहों पर माल का लदान नहीं हो रहा है। हालांकि रेलवे को हड़ताल से बाहर रखा  गया है।
 
इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद का कहना है कि हड़ताल से पूरे निर्यात क्षेत्र को 1 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका व्यक्त की गई है। इंजीनियरिंग उत्पादों का 10 करोड़ डॉलर नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। 
 
नरेन्द्र मोदी सरकार पर श्रमिक विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए 10 प्रमुख मजदूर संगठन इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीयू, यूटीयूसी और एलपीएफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं। इन श्रमिक संगठनों से संगठित क्षेत्र के लगभग 16 करोड़ श्रमिक जुड़े हैं। हालांकि भारतीय जनता पार्टी से संबद्ध संगठन भारतीय मजदूर संघ इसमें शामिल नहीं है।
 
श्रमिक संगठनों की 12 सूत्री मांगों में न्यूनतम मजदूरी देने, ठेका मजदूरी प्रथा समाप्त करने, रोजगार के अवसर सृजित करने, बोनस की सीमा समाप्त करने, महंगाई घटाने और सरकारी कंपनियों में विनिवेश नहीं करने की मांग शामिल है। (वार्ता)