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Last Updated : शुक्रवार, 18 नवंबर 2016 (01:46 IST)

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई आवाज से चलने वाली व्‍हीलचेयर

भारतीय वैज्ञानिकों ने बनाई आवाज से चलने वाली व्‍हीलचेयर - wheelchair, Indian scientist, CMERI, Robotic wheelchair
नई दिल्ली। सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीएमईआरआई) के वैज्ञानिकों ने वॉयस कमांड पर चलने वाली रोबोटिक व्‍हीलचेयर बनाई है जिसे अधिक से अधिक 1 लाख रुपए में बाजार में उतारने का लक्ष्य रखा गया है।
 
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर स्थित सीएमईआरआई के वैज्ञानिक एके साऊ ने बताया कि इस व्‍हीलचेयर  का जॉयस्टिक और वाइस कमांड दोनों से नियंत्रित किया जा सकता है। जॉयस्टिक के जरिए हाथ से इसकी गतिविधि नियंत्रित की जा सकेगी, लेकिन ऐसे विकलांग जिनके पैरों के साथ हाथों में भी समस्या है उनके लिए वॉयस कमांड का विकल्प भी दिया गया है। वॉयस कमांड में 'मूव राइट', 'मूव लेफ्ट', 'स्टॉप' आदि जैसे सामान्य कमांड शामिल हैं।
 
साऊ ने बताया कि इस रोबोटिक व्‍हीलचेयर  में बैटरी बिजली आपूर्ति के लिए बैटरी लगाई गई है जिसे चार्ज किया जा सकता है। इसे घर के भीतर या समतल पर चलने के लिए डिजाइन किया गया है। यह बैटरी से चलती है। पहला प्रोटोटाइप तैयार करने में 2 साल का समय लगा था। अब तक 2 प्रोटोटाइप बनाए गए हैं। 
 
उन्होंने कहा कि सीएमईआरआई की कोशिश है कि जल्द से जल्द यह बाजार में आ जाए। इसके लिए प्रयोगशाला को किसी उद्यम से समझौता करके उसे प्रौद्योगिकी हस्तांतरित करनी होगी। अभी यह लक्ष्य रखा गया है कि बाजार में आने पर इसकी कीमत 1 लाख रुपए से अधिक न हो। 
 
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के अनुमान के हिसाब से 1 लाख रुपए में कंपनी मुनाफा कमाते हुए यह व्‍हीलचेयर बेच सकेगी। एक योजना 10-20 प्रोटोटाइप तैयार करके बड़े पैमाने पर उत्पादन की लागत के आकलन का भी है। (वार्ता)