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Last Updated : शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016 (11:11 IST)

वरुण गांधी, हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग का मामला

वरुण गांधी, हनी ट्रैप और ब्लैकमेलिंग का मामला - Varun Gandhi, honey trap and blackmailing
भाजपा नेता वरुण गांधी इस आरोप के बाद विवादों में घिरे नजर आए कि उन्होंने हनी ट्रैप के बाद रक्षा संबंधी मामलों के बिचौलिए अभिषेक वर्मा को रक्षा संबंधी गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराए थे। वहीं वरुण ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि वह 2004 से वर्मा से नहीं मिले हैं।
 
इससे पहले एक कथित अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर एडमंड एलन ने वरुण गांधी पर आर्म्स डीलर के हनी ट्रैप में फंसने का आरोप लगाया है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए गांधी ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। इस मामले पर वरुण गांधी का कहना है कि 'मैं जब लंदन में पढ़ रहा था, उस दौरान मेरी अभिषेक वर्मा से मुलाकात हुई थी। उस वक्त मेरी उम्र 22 साल थी। बाद में,  डिफेंस कमेटी में मैं मेंबर जरूर था लेकिन वहां की सीक्रेट बातें मुझे नहीं बताई जाती थी। ऐसे में सीक्रेट बातें लीक करने का सवाल ही नहीं उठता।'
 
इस मामले के जानकार सूत्रों का कहना है कि कथित अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर वरुण गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्र में लिखा गया है कि आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा बीजेपी सांसद वरुण गांधी को ब्लैकमेल कर रहा था। इसके साथ ही एडमंड एलेन ने पीएमओ को वरुण गांधी की वे तस्वीरें भी भेजी हैं, जिनके जरिए उन्हें ब्लैकमेल करने का दावा किया जा रहा है। 
 
एलन के वरुण गांधी को रक्षा समिति से जुड़ी जानकारियां देने के लिए ब्लैकमेल किया गया था, क्योंकि उनकी तस्वीरें विदेशी एस्कॉर्ट महिलाओं के साथ खींची गई थीं। वहीं इस मामले में तस्वीरों को लेकर वरुण गांधी का कहना है कि अगर इस तरह की कोई तस्वीरें हैं तो वे मॉर्फ्ड हैं। वरुण का कहना है कि संसदीय रक्षा समिति की जिन बैठकों का जिक्र एलन ने किया है, उनमें वे शामिल ही  नहीं हुए थे।
 
महत्वपूर्ण जानकारियां लीक करने का आरोप : साथ ही पत्र में दावा किया गया है कि आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा ने अपने एक ग्राहक (क्लाइंट)  को भारतीय वायुसेना से एक अरब अमेरिकी डॉलर का कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने के लिए बीजेपी नेता वरुण गांधी और रिटायर्ड एयर मार्शल हरीश मसंद की मदद ली थी। वहीं एलेन ने पीएमओ को लिखे गए पत्र के जरिए आरोप लगाया है कि संसद की रक्षा समिति के सदस्य के रूप में वरुण गांधी की पहुंच महत्वपूर्ण जानकारियों तक थी, जिन्हें वह नियमित रूप से अभिषेक वर्मा और उसके साथ शामिल आर्म्स डीलर्स को देते रहते थे।
 
विदित हो कि इससे पहले भी सीबीआई ने अभिषेक वर्मा को रक्षा अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा वर्मा नेवी वॉर रूम लीक केस में भी आरोपी है। एलन, अमेरिका में वर्मा का कारोबारी सहयोगी रहा है। एलन के मुताबिक, वह चाहते हैं कि पीएमओ इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे। 
 
वरुण गांधी को ब्लैकमेल कर रहे हैं वर्मा : पीएमओ को 16 सितंबर को भेजे गए इस पत्र में एलन ने आरोप लगाया कि अभिषेक वर्मा, वरुण गांधी को ब्लैकमेल कर रहे हैं। यह भी आरोप लगाया है कि वरुण गांधी ने विदेशी एस्कॉर्ट महिलाओं और वेश्याओं के साथ खिंचीं उनकी तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेल किए जाने पर आर्म्स डीलर को रक्षा मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। कहा जा रहा है कि एलन ने अपनी बात को सही बताने के लिए दर्जनों तस्वीरें और सीडी भी पीएमओ को भेजी हैं। एलन का कहना है कि विवादास्पद हथियार डीलर अभिषेक वर्मा ने वरुण गांधी को अच्छी तरह से इस्तेमाल किया, ताकि वरुण भारत सरकार से सौदे हासिल करने में जुटे हथियार निर्माताओं को रक्षा संबंधी जानकारी दे सकें।
 
एलन ने भारतीय अधिकारियों के दिए कई अन्य दस्तावेज : विदित हो कि वर्ष 2012 में एक दूसरे से अलग हो जाने से पहले तक अभिषेक वर्मा और एलन व्यापारिक साझीदार रहे हैं। उन्होंने साल 2012 में भारतीय अधिकारियों के साथ ऐसे कई सैकड़ों दस्तावेज शेयर किए जिनकी वजह से अभिषेक के खिलाफ ऐसे कई मामले दर्ज हो पाए। इनमें रक्षा मंत्रालय से जुड़े गोपनीय दस्तावेज लीक होने का मामला भी शामिल है। एलन के मुताबिक, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को इसलिए लेटर लिखा क्योंकि वह इस देश के 'मैन ऑफ एक्शन' हैं।
 
वरुण गांधी ने आरोपों को बताया हास्यास्पद : वहीं वरुण गांधी ने कहा कि ये आरोप हास्यास्पद हैं इसलिए वे इस पर कोई कमेंट नहीं करेंगे। एलन ने एक समाचार पत्र को कहा कि वह इस मामले में जांच चाहते हैं। वरुण गांधी ने कहा है कि एडमंड एलन ने मेरे ख‍िलाफ जो भी आरोप लगाए हैं लेकिन उसे लेकर कोई सबूत साझा नहीं किए हैं। मैं संसद की डिफेंस कमेटी का सदस्य हूं पर इस कमेटी के सदस्य के तौर पर मेरी किसी भी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच नहीं रही। 
 
डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी के सदस्य नहीं रहे हैं गांधी : विदित हो कि वरुण गांधी अब डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी के सदस्य नहीं रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ  नेताओं का कहना है कि सीक्रेट डॉक्यूमेंट या जानकारी को आम तौर पर संसदीय कमिटी के सदस्यों के साथ साझा नहीं किया जाता। इसलिए एलन की ओर से भेजे गए इस पत्र की एक प्रति राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर) अजीत डोवाल और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर  (डिफेंस मिनिस्टर) को भी भेजी गई है। 
 
स्वराज अभियान के नेताओं प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में न्यूयॉर्क स्थित वकील एडमंड्स एलन का एक पत्र जारी किया जो पिछले महीने पीएमओ को लिखा गया था। पत्र में दावा किया गया है कि वर्मा द्वारा वरुण को प्रेम जाल में फंसाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्मा ने हथियार मामलों से जुड़ी महत्वपूर्ण सूचना साझा करने के लिए वरुण को ब्लैकमेल किया। वरुण रक्षा सलाहकार समिति के सदस्य थे।
 
वरुण ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह 2004 से वर्मा से नहीं मिले हैं और उन्होंने आरोपों को लेकर भूषण तथा यादव के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी। वरुण ने कहा कि पेश की गई पूरी सूचना में इस बात का कोई भी सबूत नहीं है कि संवेदनशील सूचना के संबंध में वर्मा से उनका कोई संवाद हुआ या उस सूचना तक उनकी पहुंच थी। 
 
प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया कि पूरा ब्यौरा सार्वजनिक होने के बाद भी भाजपा सरकार ने थेल्स कंपनी को काली सूची में नहीं डाला जिसने घोटाले से घिरी स्कोर्पिन पनडुब्बियां बेची थीं और दसाल्ट ने खरीद की थी। भारत ने हाल ही में 36 राफेल विमान के लिए दसाल्ट के साथ एक सौदा किया है।
 
भूषण ने यह भी कहा कि थेल्स के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से राफेल सौदा खटाई में पड़ सकता था इसलिए सरकार ने 126 विमान खरीदने की विगत की घोषणाओं के उलट 36 विमान ही खरीदे और हर इकाई के लिए दोगुने पैसे का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गडबडी प्रतीत होती है।
 
विवादित हथियार कारोबारी अभिषेक वर्मा ने भी आरोपों को खारिज करते हुए इनसे संबंधित ईमेल एवं तस्वीरों को मनगढ़ंत करार दिया जिनमें कहा गया है कि भाजपा सांसद वरुण गांधी ने उन्हें रक्षा जानकारियां लीक कीं। दरअसल, स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने संवाददाता सम्मेलन कर इस मामले से जुड़े आरोप लगाए। वर्मा ने एक बयान में कहा, 'मैं उन सभी आरोपों से इंकार करता हूं जो सात पृष्ठों वाले कथित पत्र में लगाए गए हैं। मैं योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की ओर से लगाए गए आरोपों से भी इंकार करता हूं।'
 
उन्होंने कहा, 'एलन (न्यूयॉर्क आधारित वकील) एक जाना-पहचाना फर्जीवाड़ा करने वाला व्यक्ति है। वह अतीत में भी दूसरे लोगों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर चुका है। मैंने छह फरवरी, 2012 को पटियाला हाउस अदालत में एलन के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। इस मामले की सुनवाई चल रही है और मामला विचाराधीन है।' आरोपों-प्रत्यारोपों के इस मामले का पूरा सच क्या है, यह बात उच्चस्तरीय जांच से साबित हो जाएगा, जोकि केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द करवानी चाहिए। इस बीच वरुण गांधी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे।