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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 13 अगस्त 2015 (00:06 IST)

शायद हो जाए ट्रक ड्राइवरों का सफर सुरक्षित

शायद हो जाए ट्रक ड्राइवरों का सफर सुरक्षित - Truck driver
-जे. सुनील

नई दिल्ली। दुनिया में जहां हर जगह चार मिनट में एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में मारा जाता है, वहीं भारत में यह आंकड़ा प्रत्येक एक मिनट में एक व्यक्ति है...एक और ऐसा ही दु:खद आंकड़ा... कुल सड़क दुर्घटनाओं  में 22.6 प्रतिशत भारी वाहन इनका शिकार होते हैं और इन वाहनों की दुर्घटनाओं का मौत का आंकड़ा 28.75 है, जो कि इन दुर्घटनाओं की श्रेणी में सबसे ज्यादा है।
 
एक सर्वेक्षण के इन दु:खद आंकड़ों के बीच यह खबर शायद राहत दे कि दिन-रात सड़कों पर रात-बेरात ट्रक चलाकर जिंदगी की गाड़ी खींचने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए सड़कों को सुरक्षित व सफर कम तकलीफ बनाने, उनकी खैरियत पर खास तवज्जो देने के साथ ही वाहनों की वजह से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की  गई है। इसके तहत ही स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ते हुए उनके लिए ई-शौचालय बनाए जाने की योजना भी शामिल है। 
 
देशभर में भीड़भाड़ वाले ट्रांसपोर्ट नगरों में ई-शौचालय व पोर्टा केबिन स्थापित करने का काम शुरू किया गया है। पहले चरण में 13 ट्रांसपोर्ट नगरों की पहचान की गई है जहां स्थाई पोर्टा केबिन और ई-शौचालय स्थापित किए जा रहे हैं। एनबीएफसी मैग्मा फिनकार्प लिमिटेड और सरकार की पेट्रोलियम संरक्षण उपक्रम अनुसंधान एसोसिएशन-पीसीआरए ने मिलकर यह परियोजना शुरू की है। 
 
इसके साथ ही इस परियोजना के तहत पर्यावरण संरक्षण हेतु एक बड़े कदम बतौर ट्रक ड्राइवरों को सुरक्षित वाहन चलाने का प्रक्षिशण दिया जाएगा, जिससे डीजल बचेगा, प्रदूषण कम होगा यानि 40 लाख लीटर डीजल बचाने का लक्ष्‍य, साथ ही ट्रकों से निकलने वाले 10000 टन कार्बन का प्रदूषण भी कम होगा। 
 
नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में पीसीआरए के कार्यकारी निदेशक नीलकंठ एस अवाद तथा मैग्मा फिनकार्प लिमिटेड सेल्स अधिकारी सचिन खंडेलवाल ने कहा कि 'ट्रकर्स कल्याण' अभियान के पहले चरण में एक लाख से अधिक ट्रक ड्राइवरों को प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है। 
 
इस प्रशिक्षण के तहत पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त बनाने, ट्रक ड्राइवरों व मालिकों के समुदाय की कार्यक्षमता बढ़ाने एवं सुरक्षित वाहन चलाने का कौशल प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। हाल ही में भारत सरकार के प्रतिष्ठान पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (पीसीआरए) के साथ गठबंधन करने वाली कंपनी मैग्मा फिनकार्प देश में 11 ट्रांसपोर्ट नगरों में 8000 से अधिक ट्रक ड्राइवरों को पहले ही प्रशिक्षण दे चुकी है। 
 
दोनों संस्थानों द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में अंदाजन 50-60 लाख ट्रक ड्राइवर हैं। एक ट्रक ड्राइवर औसत एक माह में 4000-8000 किलोमीटर की यात्रा अपने ट्रकों से तय करते हैं। लगातार सफर में रहने, रास्ते में खराब खानपान अव्यवस्थित जीवन की वजह से होने वाली बीमारियों के साथ उबड़-खाबड़ असुरक्षित सड़कों पर इनका सफर जानलेवा मौत के कुओं से गुजरता है और फिर इस सफर की वजह से इनके वाहन बुरी तरह से पर्यावरण प्रदूषण भी फैलाते हैं। (वीएनआई)