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Last Modified: मंगलवार, 28 फ़रवरी 2017 (18:02 IST)

1962 में चीन के समर्थक सहिष्णुता की बात कर रहे हैं : किरण रिजिजू

1962 में चीन के समर्थक सहिष्णुता की बात कर रहे हैं : किरण रिजिजू - Tolerance, Kiran Rijiju, Ramjas College controversy
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने रामजस कॉलेज घटनाक्रम में वाम चरमपंथियों को आड़े हाथों लेते हुए मंगलवार को कहा, 1962 की लड़ाई में चीन का समर्थन करने वाले अब स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति और सहिष्णुता के नाम पर देश में विवाद भड़का रहे हैं। 
        
रिजिजू ने एक निजी टेलीविजन चैनल से कहा, राष्ट्रवाद को परिभाषित करने का किसी को अधिकार या विशेषाधिकार नहीं है। हर किसी का व्याख्या करने का अपना तरीका है। राष्ट्रवाद को हम उस समय समझते हैं जब व्यक्तिगत स्तर पर राष्ट्र के लिए योगदान देने की दिशा में कदम उठाते हैं। उन्होंने कहा कि वाम चरमपंथी आजादी की अभिव्यक्ति के नाम पर भारत के खिलाफ नारेबाजी करते हैं।
        
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि वे असहिष्णुता के नाम पर झूठी बहस पैदा करते हैं और जब भी कोई जवान शहीद होता है, ये खुशी मनाते हैं, इनकी यही विचारधारा है। चीन के साथ 1962 की लड़ाई में उसका समर्थन करने वाले अब युवाओं का दिमाग प्रदूषित कर रहे हैं। 
        
इससे पहले सुबह भी रिजिजू ने कांग्रेस पार्टी से यह कहते हुए रामजस कॉलेज घटनाक्रम से दूर रहने का अनुरोध किया था कि यह टकराव राष्ट्रवादियों और वाम चरमपंथियों के बीच है तथा यह विचारधारा की लडाई है। उन्होंने ट्वीट किया, वंशवादी पार्टी कृपया दूर रहें। यह राष्ट्रवादी बनाम चरम वामपंथी विचारधारा की लड़ाई है। लोग तय करेंगे कि मजबूत भारत का निर्माण कैसे होगा। 
       
उल्लेखनीय है कि रामजस कॉलेज में पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के विवादों से घिरे रहे छात्र नेताओं को आमंत्रित किए जाने को लेकर छात्र संगठनों के दो गुटों में टकराव पैदा हो गया था। (वार्ता) 
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