Last Updated :नई दिल्ली , शनिवार, 1 अगस्त 2015 (21:50 IST)
सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार का इस्तीफा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के एक डिप्टी रजिस्ट्रार ने 1993 के मुंबई बम धमाका कांड में दोषी याकूब मेमन की मौत की सजा पर अमल का मार्ग प्रशस्त करने वाले न्यायालय के फैसले की आलोचना करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ ने डिप्टी रजिस्ट्रार के पद से यह कहते हुये इस्तीफा दे दिया कि चंद घंटों के भीतर दो फैसले 'न्यायिक त्याग' के उदाहरण हैं जिनकी शीर्ष अदालत के अंधकारमय घंटों के रूप में गणना होनी चाहिए।
प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ की नियुक्ति अनुबंध पर हुयी थी और उन्होंने 30 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। याकूब मेमन को उसके मौत के फरमान को सही ठहराने के दो घंटे के भीतर ही फांसी दे दी गई थी।
न्यायालय के सू़त्रों ने बताया कि मृत्युदंड को लेकर चल रही बहस के बीच प्रो. अनूप का यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया और उन्हें पदमुक्त कर दिया गया।
शीर्ष अदालत में करीब 20 डिप्टी रजिस्ट्रार हैं। इनमें से कुछ न्यायपालिका के बाहर से शामिल किए गए हैं।
प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनीवर्सिटी के संकाय सदस्य और मृत्यु दंड शोध परियोजना के निदेशक हैं। मेमन को फांसी देने के फरमान पर रोक के लिए दायर याचिका के साथ भी वह संबद्ध थे।
उन्होंने कहा कि वह विभिन्न कारणों से कुछ समय से इस बारे में सोच रहे थे परंतु शीर्ष अदालत में इस सप्ताह जो कुछ भी हुआ उसने इसमें अहम भूमिका निभा दी।
उन्होंने यूनीवर्सिटी में मृत्यु दंड के कार्य पर पूरा ध्यान केन्द्रित करने के लिए शीर्ष अदालत में अपने पद से इस्तीफा दिया है।
प्रो. अनूप सुरेन्द्रनाथ ने अपने इस्तीफे के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा था। इस संबंध में संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में और कुछ नहीं कहना है। (भाषा)