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Last Modified: बुधवार, 21 मार्च 2018 (14:35 IST)

जेपी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 10 मई तक जमा कराएं 200 करोड़

जेपी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, 10 मई तक जमा कराएं 200 करोड़ - supreme court to JP group, deposit 200 crore before 10th may
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रीयल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) को 10 मई तक दो किश्तों में 200 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है।
 
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने रीयल एस्टेट कंपनी को छह अप्रैल तक100 करोड़ रुपए और शेष राशि 10 मई तक जमा कराने को कहा है।
 
पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़भी शामिल हैं। पीठ ने यह भी कहा कि रिफंड का विकल्प चुनने वाले मकान खरीददारों को रीयल एस्टेट कंपनी की ओर से ईएमआई भुगतान में डिफॉल्ट का कोई नोटिस ना भेजा जाए।
 
उच्चतम न्यायालय ने जेएएल से कहा कि वह रिफंड पाने के इच्छुक सभी मकान खरीददारों का परियोजना- दर- परियोजना चार्ट जमा करें, ताकि उन्हें आनुपातिक आधार पर धन वापस किया जा सके। शीर्ष न्यायालय ने कहा, 'अभी हम रिफंड को लेकर चिंतित हैं। जो मकान खरीददार फ्लैट चाहते हैं उनके मुद्दों पर बाद में बात करेंगे।’
 
इस बीच जेएएल ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि 31,000 मकान खरीददारों में से केवल आठ फीसदी ने रिफंड का विकल्प चुना है और बाकी चाहते हैं कि फ्लैट उन्हें सौंप दिया जाए। कंपनी ने न्यायालय को यह भी बताया कि उसे 2017-18 में अभी तक 13,500 फ्लैटों के लिए कब्जा प्रमाणपत्र मिले हैं।
 
जेएएल ने 25 जनवरी को उच्चतम न्यायालय में 125 करोड़ रुपए जमा कराए थे। न्यायालय ने मकान खरीददारों के हितों की रक्षा करने के लिए उसे ऐसा करने के निर्देश दिए थे।
 
उच्चतम न्यायालय ने जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) का स्वामित्व रखने वाली जेएएल को 10 जनवरी को देश में अपनी आवासीय परियोजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था और उसने कहा था कि मकान खरीददारों को या तो उनके मकान वापस किए जाएं या उनकी धनराशि लौटाई जानी चाहिए। (भाषा) 
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