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Last Modified: गुरुवार, 23 अक्टूबर 2014 (16:40 IST)

जैन तीर्थंकरों की चौथी सदी की दुर्लभ प्रतिमाएं मिली

जैन तीर्थंकरों की चौथी सदी की दुर्लभ प्रतिमाएं मिली - statue of Jain Tirthankaras
- अनुपमा जैन
 
हैदराबाद। निकट्वर्ती कीसरागुट्टा में खुदाई के दौरान जैन तीर्थंकरों की चौथी-पांचवीं सदी की पंच लोहा से निर्मित 12 दुर्लभ प्रतिमाएं मिली हैं। पुरातत्व एवं संग्रहालय निदेशक तेलंगाना बी. श्रीनिवास के अनुसार ‘गत 18 अक्टूबर को जब संरक्षण कार्य के दौरान दो मंदिरों के बीच रास्ता बनाया जा रहा था तो सीढ़ियों के नजदीक एक फुट की गहराई पर जैन तीर्थंकरों की पंच लोहा से निर्मित ये 12 मूर्तियां मिलीं।
    
उन्होंने बताया कि ये मूर्तियां विभिन्न आकार की हैं। कुछ मूर्तियां खडगासन मुद्रा में भी है और कुछ के पीछे प्रभामंडल भी है। इन जैन प्रतिमाओं को चौथी-पांचवीं सदी का बताया गया है। मुर्तियां जहां मिली है वह तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के मैदानी इलाके से करीब 300 फुट उपर पर्वतीय क्षेत्र है।

अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है जब कीसरागुट्टा में जैन प्रतिमाएं मिली हैं जिससे सिद्ध होता है कि चौथी-पांचवीं सदी में हिन्दू धर्म के साथ जैन धर्म भी सह-अस्तित्व में था।
 
तेलंगाना के रंगा रेड्डी जिले के कीसरा मंडल स्थित कीसरागुट्टा को केसरागिरि के नाम से भी जाना जाता है। जैन साधु-संतों एवं श्रधालुओं ने इन प्रतिमाओं के मिलने पर हर्ष जताया है। (वीएनआई)