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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 2 नवंबर 2016 (12:35 IST)

पाक दूतावास में लड़कियां भी सप्लाय करते थे जासूस

पाक दूतावास में लड़कियां भी सप्लाय करते थे जासूस - Spy supplies girls in Pak embassy
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने हाल ही में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले जिस गिरोह का पर्दाफाश किया है। उससे न केवल कई मंत्रालयों वरन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी सकते में आ गया है। गिरोह के बारे में यह बात भी ज्ञात हुई कि सूचनाएं एकत्र करने के लिए पाकिस्तानी जासूसों के एजेंट लड़कियों की भी सप्लाई करते थे। इस गिरोह ने बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण, गुप्त और संवेदनशील सूचनाओं को आईएसआई तक पहुंचाया है।      
 
इस जासूसी कांड में पकड़े गए आरोपी खासकर शोएब ने देश की बड़ी मात्रा में गुप्त, संवेदनशील व देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली सूचनाएं लीक करने को देखते हुए इस जासूसी कांड की जांच की कमान खुद प्रधानमंत्री कार्यालय ने संभाल ली है। पीएमओ में तैनात अधिकारी हर आधे घंटे में दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो से रिपोर्ट ले रहे हैं। मामले में पकड़े गए एक आरोपी शोएब का कहना है कि उसका काम पाक दूतावास में लड़कियों की सप्लाई करना भी था और इन लड़कियों को भुगतान भी पाकिस्तानी दूतावास से किया जाता था। 
 
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के एक अधिकारी का कहना है कि जासूसी सूचनाएं एकत्र करवाने के पीछे पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारी अली और हुसैन शामिल रहे हैं। इस मामले में इन दोनों की लिप्तता पूरी तरह साफ है। सारा मामला सामने आने के बाद पीएमओ, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों की शु्क्रवार की दोपहर को एक बैठक बुलाई गई थी जो कि देर रात तक चलती रही। अधिकारियों का कहना है कि उच्चायोग के कुछ और अधिकारियों को भारत छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। 
 
इस मामले की खास बात यह है कि महमूद अख्तर, रमजान खान और सुभाष को पकड़े जाने की जानकारी शोएब को पाक एंबेसी से दी गई थी। अपराध शाखा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस की गिरफ्त से छूटकर जब महमूद अख्तर पाक एंबेसी पहुंचा तो उसने शोएब को वाट्सऐप कॉल कर पकड़े जाने के बारे में बताया था। शोएब तीन मोबाइल को होटल में छोड़कर फरार हो गया था, लेकिन उसने जियो की सिम अपने पास रखी हुई थी, जिसके जरिए वह सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़ गया।
 
पाकिस्तान उच्चायोग में काम करने वाले पाकिस्तानी जासूस महबूब अख्तर ने खुलासा किया कि उसे इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के एक अधिकारी ने कुछ खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई थी। अख्तर ने दिल्ली पुलिस की वीडियो रिकॉर्ड पूछताछ के दौरान यह कबूल किया है।
 
अख्तर को पाकिस्तान हाईकमीशन के अधिकारियों को सौंपने से पहले उसने दिल्ली पुलिस के समक्ष वीडियो रिकॉर्ड बयान में यह खुलासा किया था। इसमें अख्तर ने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायोग में काम करने वाले आईएसआई के एजेंट और इसरो में काम करने वाले एक अधिकारी का नाम बताया जिसने उसे खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई थी।
 
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अख्तर से करीब 45 मिनट तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ में अख्तर ने रमजान खान और सुभाष जांगिड़ के नाम का खुलासा किया। इसके बाद पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। उसने पूछताछ में यह भी बताया है कि पाकिस्‍तान उच्चायोग में अभी 8 जासूस और हैं, इन्‍हें आईएसआई ने तैयार किया है। अख्‍तर ने इन अफसरों के नाम का खुलासा भी किया है। उसने पुलिस को बताया कि वह इसरो से खुफिया जानकारी हासिल करता था। अख्‍तर ने इसरो के उन अफसरों के नाम भी पुलिस को बताए हैं। साथ ही, उसने अन्‍य जगह मौजूद अपने संबंधों का भी खुलासा किया।
 
नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर की ओर से जासूसी नेटवर्क बनाकर संवेदनशील जानकारियां जुटाने का मकसद भारत में कोई बड़ा आतंकी हमला कराना था। पाकिस्तानी उच्चायोग में बैठकर आईएसआई का एजेंट महमूद अख्तर देश के समुद्री इलाकों की जानकारियां जुटा रहा था। सूत्रों की मानें तो अख्तर पश्चिमी तट से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाने में लगा था।  
 
जोधपुर में दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा शोएब, पाकिस्तान उच्चायोग से चलाए जा रहे जासूसी नेटवर्क की मुख्य कड़ी है। जब पाक उच्चायोग के एजेंट महमूद अख्तर को सुभाष जांगिड़ से गोपनीय दस्तावेज लेते पकड़ा, तब शोएब चांदनी चौक में फतेहपुरी मस्जिद के पास शांति कुंज होटल में था। 
 
कार्रवाई का पता चलते ही वह जोधपुर भागा लेकिन बीच रास्ते ही पकड़ लिया गया। दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त रविंदर कुमार के मुताबिक शोएब ने कई ऐसी अहम जानकारियां दी हैं, जो गुरुवार को पकड़े गए अन्य दो आरोपियों सुभाष और मौलाना ने छिपा ली थीं। शोएब की कपड़े की दुकान है। उसके पास से पाक उच्चायोग का एक विजिटर कार्ड भी मिला है। शोएब के मौलाना रमजान खान और सुभाष से अच्छे रिश्ते हैं।
 
कुमार का कहना है कि शोएब 6 बार पाकिस्तान जा चुका है, जहां उसका ननिहाल बताया जा रहा है। शोएब का पाक उच्चायोग से पुराना नाता है। पाकिस्तान के लिए वीजा लगवाना उसका 'फैमिली बिजनेस' है। शोएब वीजा लगवाने के बदले राजस्थान बॉर्डर एरिया में होने वाली सैन्य गतिविधियों के साथ अन्य सूचनाएं देता था। वह जासूसी नेटवर्क का सबसे स्मार्ट मेंबर है। 
 
क्राइम ब्रांच ने मौलाना और सुभाष के मोबाइल फोन कब्जे में लिए हैं। अख्तर से बात करने के लिए ये लोग वॉट्सऐप पर वायस कॉल करते थे। शोएब के पास से कुछ खुफिया दस्तावेज और फैबलेट (मोबाइल हैंडसेट और टेबलेट एक साथ रखने वाला उपकरण) मिला है जिसे उसने गिरफ्तारी से पहले तोड़ दिया था।
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