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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , शुक्रवार, 21 नवंबर 2014 (18:51 IST)

सोनिया की रैली से उम्मीदवार ही गायब

सोनिया की रैली से उम्मीदवार ही गायब - Sonia Gandhi in Kashmir
श्रीनगर। कश्मीर में हो रहे पांच चरणों के चुनावों की सबसे बड़ी पहली रैली को कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने संबोधित तो किया पर इस रैली की रोचक बात यह रही कि जिस उम्मीदवार उस्मान मजीद के समर्थन में रैली आयोजित की गई थी वे ही रैली से नदारद थे।
 
भाजपा पर जम्मू-कश्मीर के बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया कराने को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केन्द्र की सत्तारुढ़ पार्टी ने बड़- बड़े वादे दिए, लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कदम नहीं उठाए। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेसी उम्मीदवार उस्मान मजद के लिए प्रचार करने यहां आईं सोनिया ने कहा कि चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब कश्मीर की जनता बाढ़ से हुई बर्बादी से अभी तक उबरी नहीं है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने श्रीनगर से 45 किलोमीटर दूर यहां एक चुनावी जनसभा में कहा कि चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब आपने प्राकृतिक आपदा (बाढ़) झेली है। राजनीति के बारे में बात करना अच्छा नहीं लगता लेकिन राहत एवं पुनर्वास कार्य बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है। सोनिया ने कहा कि संप्रग सरकार ने 2005 में एलओसी खासकर बारामुल्ला जिले के उड़ी सेक्टर में आए भूकंप के पीड़ितों को राहत मुहैया कराने के लिए पूरा प्रयास किया।
 
उन्होंने कहा कि अब जब केन्द्र में भाजपा सरकार है तो क्या हो गया है? ऐसा लगता है कि उनकी रुचि नहीं है। भाजपा के नेता आए और उन्होंने बड़े बड़े वादे किए लेकिन कुछ नहीं दिया। यहां तक कि राज्य सरकार ने जो मांगा वह भी नहीं दिया गया। राज्य सरकार ने राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण तथा आधारभूत ढांचों के लिए 44 हजार करोड़ रूपये का विस्तृत पैकेज मांगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अक्टूबर को दिवाली पर राज्य के दौरे के समय राज्य को 745 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की थी।
 
सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से मेरा पुराना रिश्ता है, यही रिश्ता मुझे यहां पर बार-बार आने को मजबूर करता है। उन्होंने कहा कि रियासत के लोग बाढ़ से पहले से ही परेशान हैं ऐसे में मैं यहां पर कोई सियासत नहीं करना चाहती। कांग्रेस-नेकां सरकार के कार्यकाल की उपल्बधियां गिनाते हुए सोनिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार में बांदीपोरा के लिए हमने काम किया है और आगे भी करेंगे हम बांदीपोरा को टूरिस्ट हब बनाएंगे। 
 
मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जमीनी सच्चाई से मुल्क का निर्माण करना आसान नहीं है, जिसमें सबको लेकर साथ चला जाए। भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि, मुझे विश्वास है कि रियासत की जनता सांप्रदायिक ताकतों को वोट नहीं देगी। मैं लोगों से आह्वान करती हूं कि वे सांप्रदायिक ताकतों को रियासत से बाहर रखें, हम बांटने वाली राजनीति नहीं करते। कांग्रेस के लिए वोट मांगते हुए सोनिया ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की हिफाजत के लिए, सिर्फ कांग्रेस को चुने। उन्होंने कहा कि मुसीबत के समय कांग्रेस हमेशा कश्मीर और कश्मीरियों के साथ रही है। कांग्रेस कभी हवाई वादे नहीं करती। 
 
घाटी में भाजपा भले ही अपने मिशन 44 को पूरा करने और रियासत में मोदी लहर चलने का दावा कर रही हो, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की रैली में आई हजारों की भीड़ को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता था कि कांग्रेस ने घाटी में अपना जनसमर्थन बरकरार रखा है। बांदीपोरा के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में हुई सोनिया की रैली में ऐतिहासिक भीड़ जुटी थी।
 
रैली में पुरुष ही नहीं महिलाओं की तादाद भी खासी थी। बांदीपोरा गुज्जर आबादी बहुल इलाका है, लेकिन सोनिया को सुनने के लिए यहां गुज्जरों के साथ ही दूसरे समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में आए थे। पर रोचक बात यह थी कि जिस उम्मीदवार के लिए यह रैली आयोजित हुई थी वह खुद रैली से गायब था। पहले चरण के चुनाव प्रचार में यह अब तक की सबसे बड़ी रैली थी।