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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 5 अक्टूबर 2015 (19:31 IST)

सोमनाथ को नहीं मिली जमानत, पत्नी का समझौते से इंकार

सोमनाथ को नहीं मिली जमानत, पत्नी का समझौते से इंकार - Somnath Bharti
नई दिल्ली। घरेलू हिंसा मामले में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती की उम्मीदों पर सोमवार को उस वक्त पानी फिर गया, जब उनकी पत्नी लिपिका मित्रा ने विवाद सुलझाने के लिए मध्यस्थता में जाने से साफ इंकार कर दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने भारती की पूर्व की जमानत याचिका खारिज  कर दी। 
लिपिका की ओर से शीर्ष अदालत को यह बताया गया कि वे भारती के साथ मध्यस्थता में जाने को  तैयार नहीं हैं। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की खंडपीठ ने लिपिका से जब पूछा कि क्या वह घरेलू हिंसा मामले में पति के साथ समझौता करने के लिए मध्यस्थता में जाने को राजी  हैं? तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया। 
 
उन्होंने कहा कि समझौते का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके बाद न्यायालय ने आम आदमी पार्टी  के विधायक भारती को नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का दरवाजा खटखटाने का निर्देश  दिया। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से भी कहा है कि वह याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी पर यथाशीघ्र विचार करे।
 
गत 28 सितंबर को निचली अदालत ने भारती की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि पहले याचिकाकर्ता जिम्मेदार नागरिक की तरह आत्मसमर्पण करें। भारती की ओर से पेश पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रह्मण्यम ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि घरेलू हिंसा मामले में उनके मुवक्किल की याचिका खारिज करने से पहले उनके दो बच्चों के बारे में भी विचार किया जाना चाहिए, लेकिन न्यायालय उनकी इस दलील से संतुष्ट नजर नहीं आया था।
 
शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा था कि आप कानून से भाग रहे हैं। यदि आप चाहते हैं कि आपकी  जमानत याचिका पर गुरुवार (1 सितंबर) को सुनवाई हो तो आपको एक जिम्मेदार नागरिक की तरह  सबसे पहले आत्मसमर्पण करना ही होगा। फिर हम इस मामले को मध्यस्थता के लिए भेजने पर विचार करेंगे। हम भी चाहते हैं कि वैवाहिक विवादों का हल अदालत के बाहर हो जाए तो बेहतर, लेकिन सबसे पहले आपको आत्मसमर्पण करना होगा।
 
गत 1 सितंबर को न्यायालय ने लिपिका को नोटिस जारी करके पूछा था कि क्या वे अपने पति के साथ समझौते के लिए मध्यस्थता में जाने को तैयार हैं? जिसके जवाब में उन्होंने समझौते से साफ इंकार कर  दिया।
 
गौरतलब है कि दिल्ली उच्च न्यायालय से गत 22 सितंबर को अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी की तलवार लटकते देख भारती ने अगले ही दिन उच्चतम न्यायालय का दरवाजा  खटखटाया था। भारती पर घरेलू हिंसा के अलावा पत्नी की हत्या का प्रयास करने का भी आरोप है।  (वार्ता)