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Last Modified: मुंबई , गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (11:02 IST)

बारिश पर सरकार से क्या बोली शिवसेना...

बारिश पर सरकार से क्या बोली शिवसेना... - Shivsena
मुंबई। शिवसेना ने महाराष्ट्र में भाजपा सरकार की कृत्रिम बारिश की प्रस्तावित योजना के परिणाम पर संदेह जताया है और उससे अन्य विकल्पों को तलाशने एवं पानी की कमी से जूझ रहे इलाकों में पानी उपलब्ध कराने को कहा है।
 
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’’ में एक संपादकीय में लिखा, 'यदि मानसून की परिस्थितियों में निकट भविष्य में सुधार नहीं होता है तो यह लगातार चौथा ऐसा वर्ष होगा जब राज्य में सूखा पड़ेगा। कृत्रिम बारिश परियोजना के बारे में शिकायत करने का कोई कारण नहीं है लेकिन सवाल यह है कि इस परियोजना से प्रतिवर्ष कितनी बारिश की जा सकती है?
 
पार्टी ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना की सफलता पर संदेह व्यक्त करते हुए देवेंद्र फडणवीस की सरकार से सूखे क्षेत्रों में पानी मुहैया कराने के अतिरिक्त विकल्प खोजने और कृत्रिम बारिश पर ही पूरी तरह निर्भर नहीं रहने को कहा है।
 
संपादकीय में कहा गया है, 'ऐसा प्रतीत होता है कि बारिश के बादल गायब हो गए हैं। किसानों और राज्य को इस गंभीर समस्या से बचाने के लिए राज्य सरकार को कृत्रिम बारिश के साथ-साथ जल मुहैया कराने के अन्य तरीकों के बारे में भी गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है।'
 
शिवसेना ने कहा कि मुंबई, कोंकण क्षेत्र और विदर्भ के कुछ हिस्सों को छोड़कर मानसून ने अभी पूरे राज्य में दस्तक नहीं दी है। इस वर्ष अच्छे मानसून की आस में फसलों की बुवाई करने वाले किसानों को नुकसान हुआ है। मानसून के पहले महीने में महाराष्ट्र में औसत वार्षिक बारिश की केवल 35 से 40 प्रतिशत वर्षा हुई है।
 
राज्य सरकार ने कृत्रिम बारिश की परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी देकर पिछले महीने इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दे दी थी।
 
कृषि मंत्री एकनाथ खडसे ने कहा था कि जुलाई और अगस्त के लिए औसत से कम मानसून के पूर्वानुमान की स्थिति में विदर्भ और मराठवाड़ा के सूखाग्रस्त इलाकों में कृत्रिम बारिश की जाएगी।
 
खडसे के नेतृत्व में राज्य राहत एवं पुनर्वास विभाग ने इस परियोजना के लिए निविदाएं जारी कर दी हैं और इसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की भी सेवा लेने पर विचार कर रहा है। (भाषा)