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Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 28 अप्रैल 2015 (14:23 IST)

शोभा डे को सुप्रीम कोर्ट से राहत

शोभा डे को सुप्रीम कोर्ट से राहत - SC stays privilege motion against Shobha De
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायलय ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लेखिका शोभा डे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिस पर रोक लगा दी। अध्यक्ष ने प्राइम टाइम में मल्टी प्लेक्स में मराठी फिल्मों की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बनाए जाने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर ट्वीट करने को लेकर यह नोटिस जारी किया था।
 
न्यायाधीश दीपक मिसरा और प्रफुल्ल सी पंत की पीठ ने डे की याचिका पर संबंधित पक्षों को नोटिस भी जारी किया और आठ सप्ताह के भीतर जवाब मांगा।
 
सोशलाइट और स्तंभकार शोभा डे ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नोटिस जारी किए जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
 
यह आदेश शिवसेना के एक विधायक द्वारा डे के खिलाफ यह आरोप लगाते हुए शिकायत किए जाने पर जारी किया गया था। विधायक ने शिकायत की थी कि डे के ट्वीट ने मराठी भाषा और मराठी भाषी लोगों का अपमान किया है।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुंदरम ने डे का पक्ष रखते हुए कहा, 'टिप्पणियां सरकार के फैसले के खिलाफ की गई थीं और यह विधानसभा के किसी विशेषाधिकार का उल्लंघन नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय ने अपने विभिन्न फैसलों में विधानसभा के विशेषाधिकार की व्याख्या की है और लेखिका ने इनमें से किसी का उल्लंघन नहीं किया है।
 
इस महीने की शुरूआत में, विधानसभा के मुख्य सचिव अनंत कल्से ने डे को नोटिस जारी कर उनसे यह बताने को कहा था कि वह सरकार के फैसले के खिलाफ अपने ट्वीट की व्याख्या करें।
 
शिवसेना विधायक प्रताप सरनिक द्वारा विधानसभा में शोभा डे के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लए जाने के बाद यह नोटिस जारी किया था।
 
शोभा डे ने ट्वीट किया था, 'देवेन्द्र ‘फतवेवाला’ फडणवीस एक बार फिर ऐसा कर रहे हैं। गौमांस से लेकर फिल्मों तक। यह वह महाराष्ट्र नहीं है जिसे हम सब प्यार करते हैं। नको नको। ये सब रोको।' (भाषा)