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Last Updated : शुक्रवार, 19 अप्रैल 2019 (21:46 IST)

साध्वी प्रज्ञा ने शहीद करकरे के बारे में दिया अपना विवादित बयान लिया वापस, माफी मांगी

साध्वी प्रज्ञा ने शहीद करकरे के बारे में दिया अपना विवादित बयान लिया वापस, माफी मांगी - Sadhvi Pragya Singh, Controversial statement, Hemant Karkare
भोपाल। मुंबई में 26/11 के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे के बारे में दिए गए अपने विवादित बयान पर चारों ओर से आलोचना से घिरने के बाद मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार शाम को खुले मंच से माफी मांगते हुए अपना बयान वापस ले लिया।
 
भोपाल से 45 किलोमीटर दूर बैरसिया में मंच से साध्वी ने अपना विवादित बयान वापस लेते हुए इसके लिए क्षमा मांगी है। साध्वी की सहयोगी उपमा ने फोन पर साध्वी के बयान वापस लेने के सवाल पर उनके हवाले से कहा हां, उन्होंने (साध्वी प्रज्ञा) कहा कि क्योंकि मैं (प्रज्ञा) किसी समय इमोशनल (भावुक) हो गई थी। मैं (प्रज्ञा) रो रही थी इसलिए मेरे (प्रज्ञा के) मुख से जो निकला, उसके लिए क्षमा मांगती हूं।
 
उपमा ने कहा कि साध्वी ने खुले मंच से माफी मांगते हुए कहा कि उनके बयान से किसी कि भावना को ठेस पहुंची है या कष्ट हुआ है तो वे माफी मांगती हैं। उपमा ने इस बारे में लिखित नोट जारी किए जाने से इंकार किया।
 
इससे एक दिन पहले गुरुवार शाम को भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के तत्कालीन प्रमुख हेमंत करकरे पर यातना देने का आरोप लगाते हुए प्रज्ञा ने कहा था कि मैंने उन्हें (करकरे) सर्वनाश होने का शाप दिया था और इसके सवा माह बाद आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया।
 
प्रज्ञा के इस बयान के बाद शुक्रवार को साध्वी के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने शहीदों के बारे में विवादित बयान नहीं देने की सलाह दी जबकि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस एसोसिएशन ने साध्वी के बयान की निंदा की।
 
उनके इस बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि हेमंत करकरे ने भारत की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उनका सम्मान किया जाना चाहिए। साध्वी प्रज्ञा के अपने दल भाजपा ने उनके बयान से दूरी बनाते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है, जो सालों तक उन्हें मिली शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना की वजह से हो सकती है।
 
करकरे के बारे में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन आईपीएस एसोसिएशन ने ट्वीट में कहा कि अशोक चक्र से सम्मानित आईपीएस, दिवंगत हेमंत करकरे, ने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया। एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान की हम निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि हमारे सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए।
 
भाजपा ने इसके कारण शुरू हुए विवाद को हल्का करने का प्रयास करते हुए एक बयान में कहा कि भाजपा का मानना है कि करकरे बहादुरी के साथ आतंकवादियों से लड़ते हुए मारे गए। भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है। भोपाल लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह ने साध्वी के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हेमंत करकरे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी थे जिन्होंने देश की सुरक्षा के लिए शहादत दी और उनकी शहादत पर हमें गर्व होना चाहिए। जिसने देश के लिए शहादत दी, उसके बारे में हमें विवादित टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
 
प्रज्ञा ने गुरुवार को लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में दिवंगत मुंबई एटीएस प्रमुख का नाम लेते हुए कहा कि मैं उस समय मुंबई जेल में थी, जो जांच बैठाई गई थी। सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा था कि जब सबूत नहीं है तुम्हारे पास तो साध्वीजी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है। वह व्यक्ति (करकरे) कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा, मैं सबूत लेकर के आऊंगा। कुछ भी करूंगा, बनाऊंगा, करूंगा, इधर से लाऊंगा, उधर से लाऊंगा लेकिन मैं साध्वी को नहीं छोडूंगा।
 
साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं, जो असहनीय थीं मेरे लिए। मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी। मैंने कहा, तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है, जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा, उस दिन सूतक का अंत हो गया।
 
प्रज्ञा ने कहा कि यह उसकी कुटिलता थी, यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था। तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा, मुझे क्या पता? भगवान जाने। तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा कि बिलकुल। अगर आपको आवश्यकता है, तो अवश्य जाइए। आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी। लेकिन मैंने कहा, तेरा सर्वनाश होगा।
 
साध्वी ने कांग्रेस पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया है। वर्ष 2008 में मालेगांव बम विस्फोट मामले में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए कानून) के तहत मामला अदालत में विचाराधीन है, हालांकि इस मामले में मकोका के तहत उन्हें क्लीनचिट मिल चुकी है।
 
गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई के कई स्थानों पर हमले किए थे। उसी दौरान करकरे और मुंबई पुलिस के कुछ अन्य अधिकारी शहीद हुए थे। भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने कट्टर हिन्दुत्व छवि की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए 12 मई को मतदान है। (भाषा)
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