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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 11 अगस्त 2020 (14:40 IST)

खास खबर:सचिन पायलट की वापसी कराकर भाई राहुल के नई संकटमोचक बनीं प्रियंका गांधी

खास खबर:सचिन पायलट की वापसी कराकर भाई राहुल के नई संकटमोचक बनीं प्रियंका गांधी - #SachinPilot :Priyanka Gandhi in a Role of Sankatamochak in Congress
राजस्थान में एक महीने से अधिक लंबे समय तक चले कांग्रेस के अंदर के सियासी ड्रामा का नाटकीय पटाक्षेप हो गया है। बागी तेवर दिखाने वाले सचिन पायलट अब पार्टी में वापस लौट आए है और सूबे में फिलहाल कांग्रेस ऑल इज वेल की राह पर आगे बढ़ती दिख रही है। 
 
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के विवाद को सुलझाने में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी संकटमोचक की भूमिका में नजर आई है। गहलोत-पायलट एपिसोड को पूरी तरह सुलझाने के लिए पार्टी अध्यक्ष ने जो तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है उसमें प्रियंका गांधी भी शामिल है, यह पहला मौका है जब प्रियंका गांधी इस तरह की किसी कमेटी मे हैं।

32 दिन लंबे चले खींचतान के बाद सोमवार शाम मीडिया में जो तस्वीर सामने आई उसमें प्रियंका गांधी, सचिन पायलट के साथ खड़ी हुई दिखाई दे रही है और इसके बाद जब पायलट मीडिया के सामने आए तो उनके सुर एकदम बदले हुए थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की आत्मकथा Sonia: A Biography और कांग्रेस मुख्यालय की सियासत पर चर्चित किताब 24, Akbar Road लिखने वाले वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं कि अब गांधी परिवार बहुत ही सधे ढंग से भविष्य की रणनीति बना रहा है। अब जब कांग्रेस में एक तरह से सोनिया गांधी के युग का अंत हो रहा है और राहुल गांधी को कांग्रेस की बागडोर दी जा रही है, ऐसे में शिकायतों के निवारण और समझाइश देने का काम अब अब प्रियंका गांधी कर रही है। 
 
इसे दूसरे शब्दों में ऐसे कह सकते हैं कि कांग्रेस में अब प्रियंका गांधी संकटमोचक की भूमिका में है,राहुल काल में जो भूमिका सोनिया गांधी की थी वहीं भूमिका अब प्रियंका गांधी की रहेगी, वह कांग्रेस के अदंर संकटमोचक के रूप में क्राइसिस मैनेजमेंट का काम करेगी।

राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई कहते हैं कि किसी भी राजनीतिक दल में ऐसे बहुत से मुद्दें होते है जिसमें पार्टी अध्यक्ष सीधे शामिल नहीं होते  है, ऐसे में अब जब कांग्रेस में राहुल गांधी फिर से अध्यक्ष बनने जा रहे है तब बहन प्रियंका गांधी, भाई राहुल गांधी के लिए एक संकटमोचक की भूमिका निभाएगी। 
 
'वेबदुनिया' से बातचीत में रशीद किदवई आगे कहते हैं कि जैसा हमने राजस्थान के अशोक गहलोत और सचिन पायलट के एपिसोड में देखा तो इस मामले में प्रियंका गांधी शुरु से ही सकारात्मक सोच के साथ पार्टी के अंदर ही इस मुद्दें को हल करना चाह रही थी और उन्होंने एक लाइन बना कर रखी थी,वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट ने गांधी परिवार और् आलाकमान के खिलाफ एक भी बयान नहीं दिया जिससे उनके वापसी की रास्ते हमेशा खुले रहे।
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