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Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 7 दिसंबर 2016 (07:36 IST)

नोटबंदी से रूस नाराज, दी यह धमकी...

नोटबंदी से रूस नाराज, दी यह धमकी... - Russia Fumes At Notes Ban
नई दिल्ली। नोटबंदी का प्रभाव भारतीय राजनय पर भी दिख रहा है और नकदी की कमी के चलते अपने दूतावास में कामकाज प्रभावित होने पर रूस ने भारत के समक्ष अपना कड़ा विरोध जताते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है।
 
रूसी राजदूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर रूसी राजनयिकों के नकदी निकासी पर लगी रोक के मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रति सप्ताह 50 हजार रुपए की अपर्याप्त सीमा से दूतावास का सामान्य कामकाज प्रभावित हो रहा है।
 
उनके पत्र के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक ने दूतावास को सूचित किया है कि जब तक रिजर्व बैंक कोई निर्देश नहीं दे, भारत सरकार के निर्देश के मुताबिक दूतावास के लिए प्रति हफ्ते 50 हजार रूपए की निकासी सीमा है। पत्र कहता है, 'वेतन एवं परिचालन खर्च संबंधी दूतावास की जरूरतों के लिहाज से यह राशि पूरी तरह से अपर्याप्त है।'
 
रूसी दूतावास में एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि हम लोग विदेश मंत्रालय के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही इसका हल तलाशा जाएगा, अन्यथा हम मॉस्को में आपके दूतावास के ‘इंडियन मिनिस्टर काउंसलर’ को तलब कर उनके समक्ष इस मुद्दे को उठाने सहित अन्य विकल्पों पर सोचने को मजबूर हो जाएंगे। 
 
अधिकारी ने संकेत दिया कि अन्य विकल्पों में रूस में तैनात भारतीय राजनयिकों के लिए धन निकासी पर अंकुश लगाना शामिल हो सकता है। सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने रूस समेत विभिन्न राजनयिक मिशनों द्वारा व्यक्त की गई चिंताओं का संज्ञान लिया है।
 
सूत्र ने कहा कि इस मामले के बारे में एक बार फिर वित्त मामलों के विभाग को बताया गया और हम उसके निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। यहां के रूसी दूतावास में करीब 200 कर्मचारी कार्यरत हैं।
 
रूस नोटबंदी जनित पाबंदी को लेकर शिकायत करने वाला पहला देश नहीं है। इससे पहले, 'डीन ऑफ डिप्लोमेटिक कोर' ने भी यह मुद्दा उठाते हुए दूतावास को हो रही समस्याओं की शिकायत की थी। समझा जाता है कि यूक्रेन और कजाकिस्तान जैसे देशों ने भी मंत्रालय के समक्ष विरोध जताया है।
 
पिछले महीने नोटबंदी के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि नोटबंदी के बाद राजनयिक दूतावासों के लिए नकदी का पर्याप्त प्रवाह बनाए रखने सहित अन्य मुद्दों पर एमईए ने वित्त मामलों के विभाग से संपर्क किया है और उसके फैसले की प्रतीक्षा में है। (भाषा) 
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