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Last Modified: मुंबई , बुधवार, 27 जुलाई 2016 (23:59 IST)

आरबीआई ने 13 बैंकों पर ठोका 27 करोड़ का जुर्माना

आरबीआई ने 13 बैंकों पर ठोका 27 करोड़ का जुर्माना - Reserve Bank of India, fines, Indian bank
मुंबई। रिजर्व बैंक ने 'अपने ग्राहकों को जानो' (केवाईसी) नियमों पर जारी नियामक दिशा-निर्देशों के उल्लंघन मामले में बुधवार को निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों पर कुल 27 करोड़ रुपए  का जुर्माना ठोका है। साथ ही इस दिशा में भारतीय स्टेट बैंक समेत आठ बैंकों को कड़ी फटकार लगाते हुए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
आरबीआई के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा पर सबसे अधिक पाँच करोड़ रुपए  का जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक और सिंडिकेट बैंक पर तीन-तीन करोड़, इलाहाबाद बैंक पर दो करोड़, केनरा बैंक पर दो करोड़, एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़, इंडसइंड बैंक पर दो करोड़, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर पर दो करोड़, यूको बैंक पर दो करोड़, बैंक ऑफ इंडिया पर एक करोड़, कॉर्पोरेशन बैंक पर एक करोड़, आरबीएल बैंक पर एक करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर पर एक करोड रुपए का जुर्माना लगाया है।
 
उसने कहा कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के तहत केंद्रीय बैंक द्वारा केवाईसी नियमों पर समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए  जाते रहें। इनके उल्लंघन के मामले में 13 बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। 
 
केंद्रीय बैंक ने देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक सहित आठ अन्य बैंकों एक्सिस बैंक, फेडरल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, और यूनियन बैंक को केवाईसी और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों को सख्ती से लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
 
आरबीआई ने बताया कि एक सार्वजनिक बैंक द्वारा प्राप्त सूचना के आधार पर रिजर्व बैंक ने पिछले साल अक्टूबर नवंबर में 21 बैंकों से आयात के भुगतान के तौर पर पैसा विदेश भेजे जाने के मामलों की जाँच की। इसमें जिन खातों से धन बाहर भेजे गए  थे उनके खोले जाने तथा बैंकों द्वारा उनकी निगरानी में अनियमितता की जाँच की गई। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन की भी जाँच की गई। 
 
केंद्रीय बैंक ने बताया कि उसने 'अपने ग्राहक को जानो' (केवाईसी)/एंटी मनीलांड्रिंग (एएमएल) मानकों को लागू करने के लिए बैंकों की आंतरिक प्रणालियों एवं प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता की भी जाँच की। जाँच में बैंकों की आंतरिक नियंत्रण प्रणालियों की कमजोरियाँ, प्रबंधन की अनदेखी तथा कुछ नियामकीय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन सामने आया है। 
 
आरबीआई ने 21 बैंकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उनके लिखित जवाबों तथा दी गई जानकारियों एवं दस्तावेजों के आधार पर केंद्रीय बैंक इस निष्कर्ष पर पहुँचा कि 13 बैंकों ने नियमों का गंभीर उल्लंघन किया है जिसके कारण उन पर जुर्माना लगाना जरूरी हो गया था जबकि आठ अन्य बैंकों को केवाईसी/एएमएल मानकों एवं फेमा कानून का कड़ाई से पालन करने की हिदायत दी गई है। (वार्ता)