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राम मंदिर महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन...

राम मंदिर महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन... - Rajnath singh on Ram mandir
नई दिल्ली। गृहमंत्री राजनाथसिंह ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और सरकार अदालत के बाहर इसे लेकर कोई समझौता होने का स्वागत करेगी, लेकिन फिलहाल वह विकास के एजेंडे पर ध्यान लगाए हुए है।
 
राजग सरकार की एक साल की उपलब्धियां बताने के लिए यहां बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं।
 
सिंह ने कहा कि सभी मुद्दे महत्वपूर्ण हैं, लेकिन हमें प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। अभी, हम विकास के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं राम मंदिर मामला अभी अदालत में विचाराधीन है। हमें अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा। लेकिन दोनों समुदाय इस मुद्दे पर बात कर सकते हैं और समाधान खोज सकते हैं। वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या मोदी सरकार ने राम मंदिर और जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 जैसे भाजपा के मुद्दों को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
 
गृह मंत्री ने हालांकि, यह स्पष्ट किया कि दशकों पुराने इस विवाद को हल करने के लिए अभी हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच कोई वार्ता नहीं चल रही है। अगर कोई बीच का रास्ता निकलता है तो उससे उत्तम कुछ नहीं है। लेकिन मामला अभी अदालत में विचाराधीन है।
 
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान पर कि राजग सरकार के पास अनुच्छेद 370 जैसे विषयों पर कार्रवाई करने लायक बहुमत नहीं है, गृहमंत्री ने ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि अभी अभी तो सरकार बनी है।
 
सरकार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भूमिका के बारे में पूछे गए एक प्रश्न का सीधे उत्तर देने से बचते हुए गृहमंत्री ने कहा कि वह खुद संघ के स्वयंसेवक हैं और इस संगठन की विचारधारा में विश्वास रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस का स्वयंसेवक हूं। मैं आरएसएस की विचारधारा में विश्वास रखता हूं, क्योंकि यह ऐसे भारत को प्रोत्साहित करता है जहां इस्लाम के सभी 72 पंथ अस्तित्व रखते हैं। आरएसएस उस भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करता है जिसके कारण केरल में 2000 साल पुराने चर्च का अस्तित्व है।
 
सिंह ने कहा, आरएसएस उस भारतीय संस्कृति को प्रोत्साहित करता है, जिसके चलते ईरान से यहां आए पारसियों को अत्यधिक सम्मान दिया गया। आरएसएस उस भारतीय संस्कृति को भी प्रोत्साहित करता है, जहां यहूदियों का सम्मान होता है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल की सरकार के दौरान 10 साल के बाद अंतत: सुशासन और विकास वापस पटरी पर आया। उनके अनुसार, इस सरकार में सुशासन और विकास की घर वापसी हुई है। (भाषा)