गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Railway
Written By
Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 26 अक्टूबर 2014 (12:32 IST)

भीड़ के सामने क्यों बेबस है रेलवे...

भीड़ के सामने क्यों बेबस है रेलवे... - Railway
नई दिल्ली। भारतीय रेल को विश्वस्तरीय बनाने के दावों के बीच हर साल की तरह छठ पूजा के लिए बिहार एवं पूर्वांचल जाने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था नाकाफी रही है। दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों पर अफरा-तफरी के आलम के बीच आरक्षित और अनारक्षित कोच में कोई अंतर नहीं रह गया है।
शनिवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बिहार जाने वाली एक ट्रेन में सवार होने का प्रयास कर रहे 1 व्यक्ति की मौत हो गई और 1 अन्य घायल हो गया।
 
छठ पूजा के अवसर पर गांव लौटने वाले तमाम मुसाफिर हैं, जो दिल्ली के अलावा लुधियाना, जालंधर, फिरोजपुर, मुंबई, अमृतसर जैसे अनेक शहरों से ट्रेनों पर सवार होने की जद्दोजहद करते दिख रहे हैं।
 
नई दिल्ली स्टेशन पर एक यात्री ने बताया कि उनके पास टिकट है लेकिन भीड़ इतनी अधिक है कि सवार होने में काफी कठिनाई हो रही है। छोटे-छोटे बच्चों को कहां बिठाएं यह समस्या है, क्योंकि उनकी सीट पर पहले से लोग बैठ गए हैं।
 
अनारक्षित कोच की स्थिति तो और भी खराब है। ट्रेन में 2 से 4 की संख्या में ही अनारक्षित कोच होते हैं जबकि इस पर सवार होने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्लेटफॉर्मों पर घंटों लाइन लगाकर खड़े रहते हैं। इन कोच में स्थिति ऐसी है कि लोग शौचालयों में भी बैठे दिख रहे हैं।
छठ पूजा पर रेलवे ने क्या की यात्रियों से अपील...

इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे छठ पूजा के दौरान बढ़ती मांग के बीच शांत रहें और ट्रेन में चढ़ने के दौरान हड़बड़ी न करें।
 
अधिकारियों ने बताया कि त्योहार के मौसम को देखते हुए 2 दर्जन से अधिक ट्रेनों को सेवा में लगाया गया है। विशेष ट्रेनों के अलावा भीड़ को देखते हुए नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जा रहे हैं।
 
भीड़ के सामने रेलवे के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। कंफर्म टिकट होने के बावजूद लोगों को सीट नहीं मिल रही है। कुछ यात्री टिकट होने के बावजूद ट्रेन पर सवार नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे ही एक यात्री ने कहा कि तड़के 3 बजे से लाइन में खड़े होकर तत्काल टिकट लिया था लेकिन ट्रेन में अंदर नहीं जा सका।
 
यात्रियों की मशक्कत स्टेशन परिसर में प्रवेश करने के साथ शुरू हो जाती है, जब उन्हें अपने सामान की जांच के लिए लंबी लाइन में लगना पड़ता है। प्लेटफॉर्म तक पहुंचने और ट्रेन आने पर उसमें प्रवेश करने के लिए आपाधापी शुरू हो जाती है।
 
यात्रियों की शिकायत यह है कि 2 महीने पहले टिकट लेने का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि उनका सफर काफी तकलीफदेह साबित हो रहा है। तत्काल समेत ट्रेन के टिकट की कीमत तो बढ़ी है लेकिन सुरक्षा और सुविधाएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। (भाषा)