शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Radha Mohan Singh, Congress
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 3 अगस्त 2015 (19:27 IST)

किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार : राधामोहन

किसानों की दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्‍मेदार : राधामोहन - Radha Mohan Singh, Congress
नई दिल्ली। कृषिमंत्री राधामोहन सिंह ने किसानों की दुर्दशा के लिए मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को  जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि 67 सालों तक उसकी सरकारों की गलत नीतियों के  दुष्परिणाम देश को भुगतने पड़ रहे हैं।
 
सिंह ने लोकसभा में कर्नाटक में किसानों की आत्महत्या पर बीएस येदियुरप्पा द्वारा लाए गए ध्यानाकर्षण  प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी देश में किसानों के लिए फसल  बीमा उपलब्ध नहीं है। आजादी के बाद 67 वर्षों तक अधिकांश समय कांग्रेस की सरकार रही जिनकी  गलत नीतियों का दुष्परिणाम आज किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
 
उन्होंने कहा कि इस साल जुलाई तक कर्नाटक में 195 किसानों ने आत्महत्या की है। राज्य में वर्ष  2012 में 1875, 2013 में 1403 और 2014 में 668 किसानों ने आत्महत्या की थी।
 
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पूरी तरह कर्नाटक के किसानों के साथ है। पिछले  सप्ताह राहत आयुक्त जायजा लेने वहां गए थे। इस साल कर्नाटक को एसडीआरएफ में 207 करोड़ रुपए  दिए गए हैं। कर्नाटक सरकार को केंद्रीय करों के रूप में अतिरिक्त 24 हजार करोड़ रुपए मिले हैं और  उम्मीद है कि राज्य सरकार इसका इस्तेमाल किसानों के हित के लिए करेगी।
 
इस दौरान कांग्रेस के सदस्य ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले में आरोपी मंत्रियों के खिलाफ  कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा करते रहे। 
 
सिंह ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य राजनीतिक कारणों से सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाल रही है।  किसान देश की रीढ़ हैं और उनसे जुड़े मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए तथा कांग्रेस सदस्यों का यह  व्यवहार किसानों के साथ अन्याय है।
 
इससे पहले येदियुरप्पा ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार किसानों की अनदेखी  कर रही है। उत्तरी कर्नाटक में 1 लाख किसान रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र, गोवा और आंध्रप्रदेश  पलायन कर चुके हैं। 
 
उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी देश में कई किसानों के घर गए हैं लेकिन वे आज  तक कर्नाटक में किसी किसान के घर क्यों नहीं गए? (वार्ता)