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Last Modified: शनिवार, 16 फ़रवरी 2019 (00:00 IST)

पुलवामा आतंकी हमला : भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर फटकार लगाई

Pulwama। पुलवामा आतंकी हमला : भारत ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त को तलब कर फटकार लगाई - Pulwama condemns terror attack
नई दिल्ली। पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़े कूटनीतिक अभियान के तहत भारत ने आतंकवाद को राजकीय नीति के माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को जोर-शोर से सामने रखने के लिए पी 5 देशों- अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस समेत 25 देशों के दूतों के साथ एक ब्रीफिंग की। विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहेल महमूद को तलब करके फटकार लगाई। पुलवामा में आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 41 जवान शहीद हुए हैं।
 
विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त से कहा कि पाकिस्तान जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ तत्काल एवं प्रामाणिक कार्रवाई करे। उन्होंने उनसे कहा कि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले संगठनों एवं लोगों को तत्काल रोके। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान में भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को इस जघन्य आतंकी हमले के मद्देनजर विचार-विमर्श के लिए दिल्ली बुलाया गया है।
 
इस हमले के आलोक में पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने का निश्चय करने के कुछ ही घंटे बाद सरकार ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संपर्क करने का कदम उठाया। ज्यादातर देशों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद संगठन के इस हमले की स्पष्ट तौर पर निंदा की है।
 
चीन ने जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा में किए गए इस हमले पर गहरा दु:ख प्रकट किया लेकिन उसने भारत को यह आश्वासन नहीं दिया कि वह इस संगठन के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादियों की सूची में डालने में भारत की अपील का समर्थन करेगा। सूत्रों के अनुसार गोखले ने पी 5 के दूतों के अलावा यूरोप और एशिया के महत्वपूर्ण देशों जैसे जर्मनी, दक्षिण कोरिया, जापान ऑस्ट्रेलिया के दूतों के साथ भेंट की।
 
सूत्रों ने कहा कि विभिन्न देशों के मिशनों के प्रमुखों को इस आतंकवादी हमले में पाकिस्तान और उससे समर्थन प्राप्त जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका को लेकर अब कोई संदेह नहीं है। उन्हें हमारी यह मांग भी समझ में आई कि पाकिस्तान उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों से आतंकवादी गतिविधियां चलाने वाले आतंकवादी संगठनों को सभी सहयोग और वित्तपोषण फौरन बंद करे। विदेश सचिव ने आतंकवाद को राजकीय नीति के औजार के रूप में इस्तेमाल करने में पाकिस्तान की भूमिका को जोर-शोर से सामने रखा।
 
सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय पुलवामा आतंकवादी हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता को बेनकाब करने के लिए सभी कदम उठाता रहेगा और जैश-ए-मोहम्मद एवं उसके नेता मसूद अजहर के खिलाफ तत्काल प्रामाणिक कार्रवाई की मांग करता रहेगा। उससे पहले दिन में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडल की समिति की बैठक के बाद कहा कि विदेश मंत्रालय पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए एक जोरदार कूटनीतिक प्रयास करेगा। भारत ने पाकिस्तान को दिए गए सबसे तरजीही वाले देश का दर्जा भी शुक्रवार को वापस ले लिया। जेटली ने कहा कि जिन्होंने षड्यंत्रकर्ताओं को मदद की, उन्हें भारी कीमत चुकानी होगी।
 
दुनियाभर से कई देशों ने इस हमले की निंदा की है। अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस ने कहा कि वे दु:ख की इस घड़ी में भारत के साथ हैं। इस हमले की निंदा करते हुए रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि इस हमले के षड्यंत्रकारियों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने भारत के साथ आतंकवाद निरोधक सहयोग और मजबूत करने के प्रति अपने देश का सहयोग दोहराया। (भाषा)
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