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Last Modified: बुधवार, 15 फ़रवरी 2017 (17:37 IST)

स्कूली बस्तों का बोझ होगा कम : प्रकाश जावड़ेकर

स्कूली बस्तों का बोझ होगा कम : प्रकाश जावड़ेकर - Prakash Javadekar, central government, school students
नई दिल्ली। स्कूली छात्रों का भारी बस्ता जल्द ही गुजरे जमाने की बात हो सकती है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय अब छात्रों के स्कूली बैगों का बोझ कम करने के इरादे से सीबीएसई स्कूलों के लिए नया मानदंड तैयार करने पर काम कर रहा है।

सीएसई द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि मैं स्कूल बस्तों का बोझ कम करने जा रहा हूं। भारी बस्ता ढोना जरूरी नहीं है और यह निश्चित रूप से होगा। हम सीबीएसई स्कूलों के लिए नियमों की तैयारी कर रहे हैं ताकि अनावश्यक रूप से किताब और कॉपी नहीं ले जाना पड़े। इस समारोह में कई स्कूलों के बच्चे भी उपस्थित थे।
 
मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सीबीएसई ने अपने स्कूलों से दूसरी कक्षा तक के छात्रों को स्कूल बस्ता लेकर नहीं आने और 8वीं कक्षा तक सीमित किताब लेकर आने का निर्देश दिया है। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय इन मानदंडों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इन पहलुओं पर काम कर रही है।
 
जावड़ेकर ने बताया कि स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले प्रोजेक्ट कार्य में भी बदलाव की वे योजना बना रहे हैं। उन्होंने उल्लेख किया किया कि आमतौर पर माता-पिता अपने बच्चों को दिए गए कामों को पूरा करते हैं।
 
अपने परिवार की एक घटना का उल्लेख करते हुए जावडेकर ने कहा कि एक बार उन्होंने देखा कि उनकी पोती अपनी मां की मदद से घर में गृहकार्य कर रही है। जब उससे पूछा कि क्या हो रहा है तो उसने बताया कि वयस्कों की मदद के बिना शिक्षक सौंपे गए कार्य पर 'स्टार' नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि वास्तविक शिक्षा वहां मिलती है, जहां पर बच्चे गलती करते हैं और सीखते हैं। वरिष्ठ मदद कर सकते हैं। माता-पिता को भी शिक्षित होने की जरूरत है। (भाषा)