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Last Modified: सणोसरा , मंगलवार, 30 अगस्त 2016 (15:18 IST)

गुजरात में किसानों से बोले मोदी, बिजली से ज्यादा जरूरी है पानी

गुजरात में किसानों से बोले मोदी, बिजली से ज्यादा जरूरी है पानी - PM Modi in Gujrat
सणोसरा (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि जब वह पहली बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने किसानों से बिजली के लिए आंदोलन करने की बजाय पानी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। इसको लेकर उनका विरोध भी हुआ। पर उन्हें खुशी हुई जब किसानों ने उनकी बात को समझ लिया।
 
उन्होंने कहा कि मैं बोलता था कि किसानों को बिजली नहीं पानी की जरूरत है। पर कोई मेरी बात नहीं समझता था। मेरी ही विचारधारा वाला आदमी भी मेरा विरोध करता था और मेरे पुतले तक जलाए जाते थे। पर मै अडिग रहा। आज बहुत संतोष के साथ मैं किसानों का आभार मानता हूं कि उन्होंने अंत में मेरी बात सुनी। जल संचय आंदोलन बना। गुजरात में छह लाख चेकडैम बने। कच्छ में जहां धूल के अलावा कुछ नहीं था। बीएसफ को ऊंट पर पानी लाना पड़ता था। सरहद पर पानी की किल्लत थी पर अब खावड़ा तक पानी पहुंच गया।
 
मध्य गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध से ओवरफ्लो होने वाले जल को वहां से काफी दूर सौराष्ट्र मे लाकर वहां के 115 जलाशयों में भरने की 1200 करोड़ लागत वाली सौनी योजना की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि बीच के ऊंचे इलाके को पार कर इतनी दूर तक पानी पहुंचाने वाली यह योजना न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के लिए एक जबरदस्त उपलब्धि है।
 
उन्होंने कहा कि मेरा अनुभव है कि किसान भारत के किसी भी कोने का हो और उसे खेत में पानी मिल जाए तो मिट्टी से सोना बनाने की अद्‍भुत क्षमता उसके पास है। यह सौनी योजना भी ऐसी ही है। एक नदी जीवन को कितना लाभ दे सकती है, यह मां नर्मदा ने हमे सिखाया है। पर हमारी जिम्मेदारी भी बनती है कि पानी बचाया जाए। मैंने पहले भी टपक सिंचाई और सूक्ष्म सिंचाई योजना की बात की थी। पानी बचना भी चाहिए क्योंकि आने वाली पीढ़ियों की जवाबदारी भी हमारी है। हम रहें ना रहें, हमारे पूर्वजों ने पानी छोड़ा है और हमें भी छोड़कर जाना पड़ेगा।
 
मोदी ने कहा कि सौनी योजना के पूरा होने पर जब सौराष्ट्र के 115 डैम लबालब भर जाएंगे तो विकास के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने विपक्षी दलों की तरह निहित राजनीतिक उद्देश्यों के लिए टुकड़ा फेंकने का काम नहीं किया बल्कि लगातार डेढ़ दशक मेहनत की तब विकास और परिवर्तन का वातावरण बनाया।
 
उन्होंने कहा कि राज्य में पानी की बेहतर उपलब्धता के कारण कपास और मूंगफली समेत अन्य फसलों के उत्पादन में जबरदस्त इजाफा हुआ। मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की भी चर्चा करते हुए बताया कि इसके तहत अल्प वर्षा अथवा अन्य प्रकार के खतरों से किसानों सुरक्षित किया गया है।
 
उनकी सरकार ने रसोई गैस कनेक्शन को सबके लिए सर्वसुलभ बनाया तथा पांच करोड़ गरीब परिवारों को 2019 तक इसके वितरण का लक्ष्य तय किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मिशन मोड यानी अभियान के तहत काम कर रही है।
 
मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात में एलईडी बल्ड के वितरण की योजना की सफलता पर पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को बधाई देते हुए कहा कि गुजरात 100 दिन में दो करोड बल्ब के वितरण के साथ इस मामले में पूरे देश में अव्वल रहा है। इस योजना से औसतन हर साल प्रत्येक परिवार के बिजली बिल में दो हजार रुपए की बचत होगी। करीब पांच सौ मेगावट बिजली बचेगी और इसके चलते कार्बन उत्सर्जन पर भी रोक लगेगी।
 
उनकी सरकार ने गरीबों और किसानों के हित में कई कदम उठाए हैं तथा यूरिया को शत प्रतिशत नीम कोटिंग कर इसकी कालाबाजारी और केमिकल फैक्ट्रियों में कच्चे माल के तौर पर इसके बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाने का काम किया है।
 
मोदी ने आज अपने गृह राज्य गुजरात के जामनगर जिले के इस गांव के निकट सौराष्ट्र नर्मदा अवतरण सिंचाई योजना (सौनी योजना) के पहले चरण की शुरुआत के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्हें खाद और यूरिया के लिए हर बार केंद्र को लिखना पड़ता था। पहले यूरिया की नीम कोटिंग केवल दस प्रतिशत ही होती थी और केमिकल फैक्ट्रियां इसे कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल करती थी और किसान इसके लिए तरसते रहते थे। उन्हें थोड़े से यूरिया के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता था और कई राज्यों में इसके लिए लाठीचार्ज तक की नौबत आ जाती थी। कालाबाजारी भी होती थी। पर पिछले काफी समय से ऐसी खबरें नहीं आतीं। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने यूरिया के संपूर्ण नीम कोटिंग का प्रावधान किया। इसके तहत विदेश से आयातित यूरिया को भी शामिल किया गया। यूरिया का उत्पादन 20 लाख टन कर दिया गया अब यह हर किसी को जरूरत के अनुरूप मिलता है। नीम आवरित होने के कारण इसका फैक्ट्रियों में कच्चे माल के तौर पर बेजा इस्तेमाल पूरी तरह रुक गया है। इसके एक ग्राम का भी इस तरीके से इस्तेमाल अब संभव नहीं।
 
मोदी ने इस अवसर पर अपनी सरकार की अन्य उपलब्धियों की भी विस्तार से चर्चा की तथा देश के कोने-कोने में खेतों में पानी पहुंचाने का संकल्प व्यक्त करते हुए लोगों से पानी बचाने के अभियान को भी व्यापक बनाने की अपील की। (वार्ता)
 
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