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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017 (14:42 IST)

मुफ्त सामान देने के वादे के खिलाफ याचिका, चुनाव आयोग से मांगा जवाब

मुफ्त सामान देने के वादे के खिलाफ याचिका, चुनाव आयोग से मांगा जवाब - Plea against pre-poll freebies promise, Delhi high court notice to election commission
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों को मुफ्त में सामान बांटने के चुनावी वादे करने से रोकने को लेकर दायर एक याचिका पर गुरुवार को केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा।
 
मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने चुनाव आयोग से यह स्पष्ट करने को कहा कि चुनावी घोषणापत्र को लेकर उसके दिशा-निर्देश उच्चतम न्यायालय के इस संबंध में दिए गए निर्देश के अनुरूप हैं या नहीं।
 
पीठ ने कहा कि आप (चुनाव आयोग) अपना जवाब दाखिल करें और न्यायालय को सूचित करें कि आपके दिशा-निर्देश उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप हैं या नहीं? न्यायालय ने केंद्र को भी नोटिस जारी किया और सरकार एवं चुनाव आयोग दोनों को 8 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा। पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख 24 मई तय की है।
 
उच्च न्यायालय दिल्ली के रहने वाले अशोक शर्मा की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। शर्मा ने अपनी याचिका में मांग की है कि चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को मतदाताओं को मुफ्त सामान बांटने से रोकने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए, क्योंकि फरवरी और मार्च में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान में सत्ता में आने पर मुफ्त में सामान देने की कथित तौर पर पेशकश की जा रही है।
 
'अधिवक्ता ए मैत्री' के जरिए दाखिल की गई इस याचिका में दावा किया गया है कि चुनाव आयोग ने अपने हालिया दिशा-निर्देशों में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की उपेक्षा की है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित वकील ने पीठ से कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश स्पष्ट हैं कि इस तरह के वादे से लोग प्रभावित होते हैं और इससे निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया प्रभावित होती है। (भाषा)
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