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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (14:44 IST)

संसद से सड़क तक कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर बवाल...

संसद से सड़क तक कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर बवाल... - Parliament
नई दिल्ली। लोकसभा से अपने 25 सांसदों को निलंबित किए जाने के विरोधस्वरूप पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने आज संसद भवन परिसर में धरना दिया। पार्टी ने पुरजोर शब्दों में कहा कि संसद से पार्टी के सभी सदस्यों को ‘बाहर’ किए जाने के बाद भी उनकी भाजपा नेताओं के इस्तीफे की मांग कमजोर नहीं पड़ेगी। फैसले का विरोध करते हुए आज वामदल, सपा और राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। इधर लखनऊ, अहमदाबाद, भोपाल समेत कई बड़े शहरों में कांग्रेस ने निलंबन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।
 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के 25 सदस्यों को निलंबित करने के स्पीकर सुमित्रा महाजन के फैसले को ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया जबकि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मुख्य विपक्षी पार्टी केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तथा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को उठाना जारी रखेगी।
 
सोनिया ने कहा, 'संसद की कार्यवाही चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद परिसर में धरने के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, ए के एंटनी और आनंद शर्मा के साथ स्पीकर के फैसले के खिलाफ नारे भी लगाए। धरने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी हिस्सा लिया।
 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'हम अपने रूख से पीछे नहीं हटेंगे और जहां तक भ्रष्टाचार के मुद्दों का सवाल है और सुषमा एवं व्यापमं का विषय है, हमारे दबाव में कोई कमी नहीं आएगी।
 
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि इस्तीफा कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि देश की जनता मांग रही है। 
 
राहुल गांधी ने कहा, 'व्यापमं ने मध्यप्रदेश में हजारों लोगों के भविष्य को बर्बाद कर दिया है। इस बात के स्पष्ट साक्ष्य हैं कि सुषमाजी ने नियमों को तोड़ा है। राजस्थान की मुख्यमंत्री (वसुंधरा राजे) की ललित मोदी के साथ वित्तीय संलिप्तता के स्पष्ट साक्ष्य हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को देश के ‘मन की बात’ सुननी चाहिए।
 
धरना दे रहे नेता ‘वी वांट जस्टिस, तानाशाह शर्म करो’ जैसे नारे लगा रहे थे। कांग्रेस सदस्यों ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष बैठकर धरना दिया। सदस्य अपनी बांह पर काली पट्टी बांधे हुए थे। सपा और राजद के सदस्यों ने भी कांग्रेस सांसदों के साथ धरने में हिस्सा लिया।
 
सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष का फैसला कानून सम्मत नहीं है। मुलायम ने कहा कि उन्होंने स्पीकार से निलंबन पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है। 
 
कांग्रेस के रवैये पर क्या बोली भाजपा... अगले पन्ने पर...

अपने 25 सांसदों को लोकसभा की पांच दिन की कार्यवाही से निलंबित किए जाने का कांग्रेस द्वारा विरोध किए जाने के बीच भाजपा संसदीय दल ने मुख्य विपक्षी दल पर नकारात्मक, अवरोधक और विकास विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ आज एक प्रस्ताव पारित किया। उसने कहा कि कांग्रेस का रवैया भारत के दुनिया की महत्वपूर्ण ताकत बनने के प्रयासों में बाधक साबित होगा।
 
संसद भवन परिसर में जहां सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सांसदों ने अपने 25 सांसदों को निलंबित किये जाने के विरोध में धरना दिया, वहीं नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में भाजपा संसदीय दल की बैठक में सत्तारूढ पार्टी ने निलंबन को ‘लोकतंत्र के लिए काला दिन’ बताने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष पर निशाना साधा। भाजपा ने कांग्रेस को पूर्व में उसके शासनकाल में ‘आपातकाल’ लगाए जाने की याद दिलाते हुए उसकी आलोचना की।
 
कांग्रेस द्वारा सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग से पीछे नहीं हटने की प्रतिबद्धता जताए जाने के बीच भाजपा ने कहा कि इस मांग का कोई आधार नहीं है और संसदीय दल अपने नेताओं के साथ खड़ा है।
 
भाजपा संसदीय दल की बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया है, 'कांग्रेस ने एक जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी को त्याग दिया है और संसद, विशेष तौर पर राज्यसभा में अपने संख्या बल का इस्तेमाल कर रही है।'
 
इसमें कहा गया है, 'भाजपा संसदीय दल, कांग्रेस के नकारात्मक, अवरोधक और विकास विरोधी संकीर्ण सोच की निंदा करती है क्योंकि इसका दीर्घावधि में देश पर गंभीर और प्रतिकूल प्रभाव पडेगा जो दुनिया में एक महत्वपूर्ण आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है।' (भाषा)