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Written By भाषा

संसद से इस्तीफा देंगे इमरान के सांसद

संसद से इस्तीफा देंगे इमरान के सांसद -
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के विपक्षी नेता इमरान खान की राजनीतिक पार्टी ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाते हुए खबर पख्तूनख्वा को छोड़ कर सभी विधानसभाओं और नेशनल एसेंबली से अपने जन प्रतिधिनियों को वापस बुलाने का फैसला किया। वहीं, सत्तारूढ़ पीएमएल-एन की सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों तक पहुंचने की कोशिशें नाकाम हो गई है।

पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने घोषणा की, 'हम नेशनल एसेंबली, पंजाब एसेंबली, सिंध एसेंबली ओर बलूचिस्तान एसेंबली से इस्तीफा दे रहे हैं।' यहां पाकिस्तान सरकार और शरीफ विरोधी प्रदर्शनकारियों के साथ पांच दिवसीय गतिरोध तेज हो गया है।

उन्होंने कहा कि फिलहाल उनकी पार्टी खबर पख्तूनख्वा प्रांत से इस्तीफा नहीं दे रही है क्योंकि प्रांत में गठबंधन सरकार है और ऐसा कोई बड़ा फैसला करने से पहले सहयोगी दलों को विश्वास में लेना होगा।

सभी संवैधानिक मांगों पर चर्चा करने की शरीफ नीत सरकार की पेशकश खान की पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ और तहिरूल कादरी की पाकिस्तान अवामी तहरीक ने खारिज कर दी है, जिन्होंने प्रदर्शन कर मध्य इस्लामाबाद में जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है।

शरीफ के इस्तीफे के लिए 48 घंटे की समय सीमा रखने वाले और सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा आंदोलन की घोषणा करने वाले खान ने वार्ता के लिए सरकार से देर रात मिली पेशकश का जवाब नहीं दिया।

क्रिकेटर से नेता बने खान ने कहा पीछे नहीं मुड़ा जाएगा तथा प्रधानमंत्री के इस्तीफे के अलावा और कुछ मंजूर नहीं होगा। उन्होंने अपने हजारों समर्थकों के साथ संवेदनशील ‘रेड जोन’ में मार्च करने की धमकी दी। ‘रेड जोन’ में संसद भवन, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास तथा दूतावास स्थित हैं।

उन्होंने यहां अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा 'मैं संसद और प्रधानमंत्री आवास की ओर जाते हुए आपकी अगुवाई करूंगा।' बहरहाल, इमरान खान ने अपने समर्थकों से प्रदर्शन के दौरान शांति बनाए रखने का अग्रह किया। उन्होंने पुलिस से भी अनुरोध किया कि वह उनके और रेड जोन के बीच न आए।

इमरान ने कहा कि पाकिस्तान की पुलिस की तरह आचरण करें, न कि नवाज शरीफ की पुलिस की तरह। उन्होंने कहा कि भीड़ की अगुवाई वह करेंगे ताकि पहली गोली उन्हें लगे, उनके समर्थकों को नहीं।

क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान ने कहा कि पीछे नहीं मुड़ेंगे और प्रधानमंत्री के इस्तीफे से कम कुछ भी स्वीकार नहीं होगा।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'लेकिन मैं इन कार्यकर्ताओं को पाकिस्तान के हित में अब और शांत नहीं रख सकता, नवाज शरीफ को फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए।'

कनाडा आधारित धर्मगुरु मौलवी तहीरूल कादरी ने भी सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया और घोषणा की कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो क्रांति मार्च को देश भर में फैलाने की योजना है। शरीफ के इस्तीफे और एक राष्ट्रीय सरकार के गठन की मौलवी तहीरूल कादरी की 48 घंटे की समय सीमा मध्यरात्रि को समाप्त हो गई।

उन्होंने कहा कि हम प्रांतों की अपनी राजधानी में प्रदर्शन करेंगे ताकि वहां के लोग भी हमारे प्रदर्शन में शामिल हो सकें। धर्मगुरु ने इस्लामाबाद के आबपारा स्कवायर पर डेरा डाले अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, 'क्रांति का वक्त आ गया है।'

कादरी ने ‘क्रांति’ को लेकर खान की पार्टी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि पीएटी और पीटीआई दोनों के ही आंदोलन साथ चल रहे हैं और उनका लक्ष्य एक ही है।

धर्मगुरु ने कहा, 'मैं पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के कार्यकर्ताओं को जिंदाबाद कहूंगा..वे हमारे भाई हैं। दो दिनों की समय सीमा की घोषणा करने को लेकर मैं इमरान को मुबारकबाद देता हूं।' इस बीच, कुरैशी ने कहा कि खान की पार्टी के जनप्रतिनिधियों का इस्तीफा कल सुबह संबद्ध स्पीकरों को सौंपा जाना है।

कुरैशी ने कहा कि मई 2013 के आमचुनाव में हुई कथित धांधली के खिलाफ उनकी पार्टी द्वारा सारे विकल्पों पर विचार कर लिए जाने के बाद यह फैसला किया गया। (भाषा)