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Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 22 नवंबर 2014 (21:30 IST)

पाक पीएम नाराज, निशा बिस्वाल कल से भारत यात्रा पर...

पाक पीएम नाराज, निशा बिस्वाल कल से भारत यात्रा पर... - Nisha Biswal in India
शोभना जैन
 
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के इस गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित भारत दौरे को लेकर पाकिस्तान की कुलबुलाहट के बीच अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री निशा बिस्वाल रविवार को भारत पहुंच रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति ओबामा द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का गणतंत्र दिवस का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की घोषणा के कुछ ही मिनट बाद बिस्वाल की यात्रा की यह घोषणा की।

सूत्रों के अनुसार इस दौरे में सुश्री बिस्वाल राष्ट्रपति ओबामा के भारत दौरे के लिए तैयार किए जा रहे एजेंडे पर भारतीय अधिकारियों से विचार विमर्श करेंगी। ओबामा के भारत दौरे पर टिप्पणी करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम राष्ट्रपति के भारत दौरे को लेकर उत्साहित है, अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा काफी अच्छी रही। ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां हम सहयोग कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच एक जीवंत और लाभदायक द्विपक्षीय साङोदारी है, जिसे हम और आगे ले जाने को उत्सुक हैं।’
 
प्रवक्ता जेफ रैथके ने बताया कि सुश्री बिस्वाल की 23 नवंबर से पांच दिसंबर तक की विदेश यात्रा के दौरान वे नेपाल, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान और स्विट्जरलैंड भी जायंगी। नेपाल में वे दक्षेस शिखर बैठक में अमेरिका की प्रेक्षक बतौर मौजूद रहेगी।
 
सूत्रों का मानना है कि भारत दौरे में सुश्री बिस्वाल राष्ट्रपति ओबामा के भारत दौरे के लिए तैयार किए जा रहे एजेंडे पर भारतीय अधिकारियों से विचार विमर्श करेंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने भी कल ओबामा की भारत यात्रा की पुष्टी करते हुए कहा था कि हमारे प्रधानमंत्री के पहल पर यह जो घटना क्रम हुआ है, हम सब अब उसकी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं।
 
गौरतलब है कि 26 जनवरी को भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहली बार कोई अमेरिकी राष्ट्रपति शिरकत करेंगे। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में यह ओबामा की दूसरी भारत यात्रा होगी। इससे पूर्व वे 2010 में भारत आ चुके हैं।
 
ओबामा पहले ऐसे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जो अपने कार्यकाल के दौरान दोबारा भारत का दौरा करेंगे। ओबामा की भारत यात्रा की घोषणा से भन्नाए पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा से फोन पर कहा कि वह अगले साल जब भारत जाएं तो कश्‍मीर का मुद्दा जरूर उठाएं।
 
गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह न्योता स्‍वीकार करने के बाद उस वक्त अपने ए-1 विमान मे सवार ओबामा ने शरीफ को फोन किया था और कहा था कि वह फिलहाल पाकिस्‍तान नहीं जा सकेंगे, वहां हालात सामान्य होने पर पाकिस्तान आएंगे। ओबामा की भारत यात्रा की खबरों से भन्नाए और कुलबुलाए शरीफ ने ओबामा से आग्रह किया कि वह भारत दौरे पर कश्मीर का मुद्दा उठाएं, ताकि क्षेत्र में शांति, स्थिरता और आर्थिक साझेदारी कायम हो सके।
 
इस बातचीत में शरीफ ने ओबामा से पाकिस्तान आने के न्योते की भी याद दिलाई। इस पर ओबामा ने कहा है कि वे पाकिस्तान आना चाहते हैं। वहां हालात सामान्य होने पर पाकिस्तान आएंगे। सूत्रों का मानना है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की प्रस्तावित भारत यात्रा से पाकिस्तान इस कदर परेशान हो गया है कि शरीफ ने ओबामा से शिकायत करते हुए कहा कि भारत ने विदेश सचिव स्तर की वार्ता खुद रद्द की थी। यह कदम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण था। उसके बाद सीमा पर फायरिंग करना यह दर्शाता है कि भारत दोनों देशों के रिश्तों की बेहतरी के कितना खिलाफ
है।
 
शरीफ का कहना था कि पाकिस्तान हमेशा से द्विपक्षीय वार्ता के लिए तैयार रहा है, बशर्ते भारत इसके लिए अनुकूल माहौल बनाए। लेकिन शरीफ की नेक नीयती इसी से पता चलती है कि दो दिन पूर्व वे एलान कर चुके है कि अब भी वे किसी तरह की वार्ता से पहले कशमीरी अलगाववादियों से बातचीत करेंगे। यहां यह बता दे कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश 2006 में एक दिन के लिए पाकिस्तान गए थे। ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान की यात्रा नहीं की है।
 
ओबामा का दौरा निश्चय ही भारत-अमेरिका की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। इससे पहले गत सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा काफी सफल रही थी, जिस दौरान भारत-अमेरिका के संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए दोनों देशों ने आतंकवाद से मिल कर टक्कर लेने के साथ उभयपक्षीय सहयोग बढ़ाने और समूचे विशव के बेहतरी की दिशा मे काम करने के लिये एक विजन दस्तावेज भी जारी किया जुड़ा था।
 
मोदी और ओबामा ने 14 नवंबर को ब्रिस्बेन में ‘जी-20’ शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात की थी। पिछले कुछ वर्षों से दोनों देशों के बीच रिश्तों में गर्माहट देखी जा रही है, आर्थिक और राजनीतिक मोर्चों पर सहयोग में भी इजाफा हुआ है। ओबामा ने 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आमंत्रण पर भारत का दौरा किया था और भारतीय संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित भी किया था। इससे पहले नंवबर 2009 में ओबामा ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल में रात्रिभोज के लिए विदेशी मेहमानों में सबसे पहले तत्कालीन प्रधाममंत्री मनमोहन सिंह की मेजबानी का फैसला किया था।
 
सूत्रों का मानना है कि भारत के 66वें गणतंत्र दिवस समारोह में अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुख्य अतिथि बनना मोदी सरकार के लिए बड़ी कूटनीतिक कामयाबी माना जा रहा है। 1959 में अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट डी आइज़नहावर भारत का दौरा करने वाले पहले अमरीकी राष्ट्रपति बने। (वीएनआई)