गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Nepal Earthquake
Written By Author सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :श्रीनगर , रविवार, 26 अप्रैल 2015 (21:22 IST)

नेपाल भूकंप का असर जम्मू कश्मीर पर

नेपाल भूकंप का असर जम्मू कश्मीर पर - Nepal Earthquake
श्रीनगर। नेपाल में आए भूंकप के कारण राज्य में दहशत और बदहवासी का माहौल इसलिए है क्योंकि अक्टूबर 2005 में आए सदी के भीषण भूकंप के बाद राज्य में हजारों भूकंप के झटके आ चुके हैं जिस कारण लोगों का दहशतजदा होना स्वभाविक ही है।
 
नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के झटकों ने बेशक वादी में इमारतों को नेस्तनाबूद नहीं किया, लेकिन हजारों आंखों को नम और सैकड़ों चेहरों पर मायूसी और अनिष्ट की आशंका को पैदा कर दिया है। जम्मू कश्मीर में भूकंप का खतरा हर समय बना रहता है। 
 
राज्य भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है। कश्मीर भूकंपीय क्षेत्र की पांचवीं तो जम्मू चौथे जोन में आता है। भूकंप के अधिकतर झटकों का केंद्र हिंदूकुश रहा है। बदहवास लोग काठमांडू समेत नेपाल के विभिन्न शहरों में गए अपने रिश्तेदारों की खबर के लिए हरसंभव रास्ता तलाश रहे हैं, लेकिन खबर है कि मिलती नहीं।
 
गौरतलब है कि कश्मीर के सैकड़ों नागरिक नेपाल में काम कर रहे हैं। इनमें से कई कश्मीरी दस्तकारी का काम करते हैं तो कई ने टूर एंड ट्रेवल्स कंपनियां चला रहे हैं। कश्मीर का शायद ही कोई ऐसा शहर होगा, जहां से कोई इस समय नेपाल में न हो।
 
राज्य पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे पास सुबह से कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से लगातार फोन आ रहे हैं, सभी नेपाल में अपने रिश्तेदारों के बारे में पूछ रहे हैं। कश्मीर से लगभग तीन से चार हजार लोग इस समय नेपाल के विभिन्न हिस्सों में हैं, यह संख्या ज्यादा भी हो सकती है।
 
पिछले एक डेढ़ साल के दौरान पूर्व डोडा जिला जिसमें किश्तवाड़, रामबन व किश्तवाड़ शामिल हैं, में भी भूकंप का केंद्र बना है। इससे चिंता काफी बढ़ गई है। पिछले वर्ष पूर्व डोडा जिला में लगातार एक महीने तक भूकंप के हलके झटके आते रहे, जिससे मकानों में दरारें पड़ चुकी हैं। 
 
जम्मू विश्वविद्यालय में जियोलोजी विभाग में विशेषज्ञ प्रो. एसके पंडिता का कहना है कि जम्मू कश्मीर में आने वाले भूकंप का मुख्य केंद्र बिंदु हिंदुकुश, अफगानिस्तान व साथ लगते हिमालयन व स्थानीय क्षेत्र भी रहे हैं। चूंकि नेपाल में आए भूकंप का केंद्र वहां पर रहा है और वे यहां से काफी दूर है। ऐसे में उसका ज्यादा असर नहीं दिखा। 
 
यह सच है कि जम्मू कश्मीर संवदेनशील है और भूकंप के आने का खतरा बना रहता है, लेकिन लोगों को डरने की जरूरत नहीं है बस सतर्क रहने की जरूरत है। यह सुनिश्चित किया जाए कि इमारतें मजबूत बनाई जाए। 
 
पिछले वर्ष किश्तवाड़ में कई बार आए भूकंप के झटकों का केंद्र स्थानीय इलाका ही था और रिक्टर स्केल पर अधिकतम तीव्रता 5.8 रही थी। वहीं, जम्मू विवि के भद्रवाह कैंपस के रिक्टर व विशेषज्ञ प्रो जीएम भट्ट का कहना है कि जम्मू कश्मीर में भूकंप जोन अलग है। इसलिए लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। भूकंप का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।