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Last Modified: सोमवार, 5 अक्टूबर 2015 (09:21 IST)

नेपाल ने दी चीन के साथ जाने की धमकी

नेपाल ने दी चीन के साथ जाने की धमकी - Nepal
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से शिकायत करने के बाद नेपाल ने अब भारत को धमकी देना शुरू कर दिया है। नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने कहा है कि अगर भारत ने हमें पीछे धकेलना जारी रखा तो मजबूरन हमें मदद के लिए चीन और अन्य देशों की ओर हाथ बढ़ाना पड़ेगा।
 
हालांकि, तार्किक रूप से यह हमारे लिए कठिन होगा, लेकिन मरता क्या न करता की स्थिति में हमारे पास कोई दूसरा विकल्प भी नहीं होगा। नेपाली राजदूत ने रविवार को एक विशेष भेंट में कहा कि पेट्रोल और अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रोककर भारत हमारे विकल्प सीमित कर रहा है। हमें समस्या के जल्द समाधान का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कुछ नहीं हुआ है। उनको एक समय सीमा बतानी चाहिए। जल्द का मतलब कुछ घंटों से है, कुछ हफ्तों से है या कुछ महीनों से है?
 
उपाध्याय ने कहा कि हमने भारत को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति लगातार बाधित रहने से होने वाली परेशानियों के बारे में अवगत करा दिया है। हमें उम्मीद है कि नई दिल्ली की ओर से समस्या के समाधान के लिए जल्द कदम उठाया जाएगा। खासतौर से यह देखते हुए कि आगे दशहरा और दिवाली भी है। हमारे लिए यह बड़ा मौका होता है।
 
नेपाल में भारत विरोधी आंदोलनों के ताजा दौर के बारे में उपाध्याय ने कहा कि भूकंप के समय इसने हमारी मदद की थी। उस समय हमारे यहां का हर आदमी भारत की प्रशंसा कर रहा था। अब जब इसने हमारी आपूर्ति रोक दी है, तो लोग प्रदर्शन पर उतर आए हैं। यह स्वाभाविक है। हालांकि नेपाल के आरोपों के जवाब में भारत का कहना है कि उसने किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है। मधेशियों के आंदोलन के चलते सामानों की ढुलाई में बाधा आ रही है।
 
उल्लेखनीय है कि नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद से ही इसके विरोध में हिंसक आंदोलन का दौर शुरू हो गया। इसके चलते आवश्यक वस्तुओं से लदे ट्रक सीमा पर ही रोक दिए गए। खबरों में कहा जा रहा है कि दवा, पेट्रोल और रसोई गैस समेत जरूरी वस्तुओं से लदे कई ट्रक सरहद पर ही नेपाल में घुसने के इंतजार में हैं।