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Last Modified: बुधवार, 24 मई 2017 (22:03 IST)

मोदी का नया प्रहार, बेनामी संपत्ति पर करारा वार..

मोदी का नया प्रहार, बेनामी संपत्ति पर करारा वार.. - Narendra Modi, Income Tax Department, Anonymous Property
नई दिल्ली। देशभर में नोटबंदी के अचानक ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि उनकी नजर उन धनकुबेरों पर है, जो बेनामी संपत्तियों के जरिए अपनी तिजोरियां भर रहे हैं। मोदी के इस नए वार के बाद कुछ ही महीनों में आयकर विभाग सक्रिय हो गया और उसने 240 मामलों की तह में जाकर 400 से ज्यादा बेनामी सौदों का पता लगा लिया। यही नहीं, आयकर विभाग ने 600 करोड़ रुपएकी बेनामी संपत्तियां भी कुर्क की हैं। 
 
आयकर विभाग नया बेनामी कानून क्रियान्वित करना चाहता है, जिससे वांछित नतीजे जमीन पर दिखाई देंगे। आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह देशभर में 24 प्रतिबद्ध बेनामी प्रतिबंध इकाइयां (बीपीयू) स्थापित की हैं। विभाग ने पिछले साल एक नवंबर से नए बेनामी सौदे (प्रतिबंध) संशोधन कानून, 2016 के तहत कार्रवाई करनी शुरू की थी। इस कानून में अधिकतम सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
 
चल और अचल, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष और मूर्त और अमूर्त संपत्ति यदि उसके वास्तविक लाभ प्राप्त कर्ता स्वामी के बजाय किसी अन्य के नाम पर हों, तो उसे बेनामी संपत्ति कहा जाता है।
 
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयकर जांच निदेशालय ने 23 मई, 2017 तक 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान की थी। इनमें बैंक खातों में जमा, जमीन का टुकड़ा, फ्लैट और आभूषण शामिल है। बयान में कहा गया है कि कानून के तहत 240 से अधिक मामलों में अस्थायी रूप से संपत्तियों को कुर्क किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों का मूल्य 600 करोड़ रुपए बैठता है।
 
कर विभाग ने कहा कि कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक मामलों में अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है। मूल्य के हिसाब से ये संपत्तियां 530 करोड़ रुपए से अधिक बैठती हैं। इसके अलावा विभाग ने भ्रष्ट व्यवहार के जरिये कमाए धन का पता लगाने के लिए पिछले एक महीने में 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी भी की है।
 
इसका ब्योरा देते हुए आयकर विभाग ने बताया कि जबलपुर में एक मामले में एक ड्राइवर के नाम 7.7 करोड़ रुपए की जमीन थी। इस जमीन की वास्तविक मालिक मध्य प्रदेश की सूचीबद्ध कंपनी और उसका नियोक्ता है। इसी तरह मुंबई में एक पेशेवर के पास कई अचल संपत्तियां थीं, जो मुखौटा कंपनियों के नाम पर खरीदी गई थीं। ये कंपनियां सिर्फ कागज पर थीं। (वेबदुनिया/भाषा)