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Last Modified: मंगलवार, 26 सितम्बर 2017 (00:00 IST)

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में समझौता नहीं : नरेन्द्र मोदी

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में समझौता नहीं : नरेन्द्र मोदी - Narendra Modi, corruption, Arun Jaitley
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई में वह कोई समझौता नहीं करेंगे और इसमें जो पकड़ा जाएगा, वह बचेगा नहीं। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कड़े रुख को प्रकट करते हुए कहा कि उनका कोई रिश्तेदार नहीं है।  
 
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह बात भाजपा की विस्तारित राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में कही। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने कड़े रुख को प्रकट करते हुए कहा कि उनका कोई रिश्तेदार नहीं है।  
 
कांग्रेस पर परोक्ष निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि विपक्ष जब सत्ता में था तब सत्ता उसके लिए उपभोग की वस्तु थी और अब उन्हें अभी तक समझ में नहीं आ रहा है कि विपक्ष में कैसे रहना है।
 
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विपक्ष के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा, पहला कि जब वे (विपक्ष) सत्ता में थे तब वह (सत्ता) उनके लिए उपभोग का साधन थी। इसलिए विपक्ष में कैसे रहना है, उनको समझ में नहीं आया है। 
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर बल दिया कि कई बार विपक्ष की ओर से काफी कड़वाहट भरी शब्दावली का इस्तेमाल किया जाता है, जब सरकार पर कोई स्पष्ट आरोप नहीं हो, तब सरकार के खिलाफ कड़वाहट वाली शब्दावली विकल्प नहीं हो सकता।
 
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी समेत कई आर्थिक एवं नीतिगत विषयों पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधती रही है। जेटली के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई ऐसी है कि इसमें कोई समझौता नहीं किया जाएगा और इसमें कोई पकड़ा जाएगा, तो वह बचेगा नहीं। मेरा कोई रिश्तेदार नहीं है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में कोई भी राजनीतिक दल भाजपा जितना सक्रिय नहीं है और भाजपा के लिए राजनीति चुनाव की पारंपरिक गतिविधियों से इतर सेवा का साधन है। इसलिए सत्ता के माध्यम से लोकतंत्र को जनभागीदारी में बदलने का काम राजनीतिक दलों का है और भाजपा ऐसा कर सकती है। चुनाव उसका एक अंग है और हमें चुनाव से आगे बढ़ते हुए जनभागीदारी के साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना है।
 
एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि संप्रग ने न ही कालेधन और न ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक भी कदम उठाया है, ऐसे में स्पष्ट है कि उसके नेता इन बुराइयों के खिलाफ उठाए गए कदमों से असहज होंगे।
 
जेटली ने कहा कि भ्रष्टाचार और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और स्वच्छता जैसे जनभागीदारी के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण है और पार्टी इन सभी पहल को आगे बढ़ाए। आज राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में 13 मुख्यमंत्री, 6 उपमुख्यमंत्री, 60 से अधिक केंद्रीय मंत्री, 232 राज्य के मंत्री, 1500 विधायकों एवं पार्षदों तथा 334 सांसदों ने हिस्सा लिया।
 
जेटली ने बताया कि प्रधानमंत्री ने संगठन शिल्पी दीनदयाल उपाध्याय की जन्मशती पर विस्तारित कार्य समिति की बैठक के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि यह इस बात का प्रतीक है कि देश ने भाजपा में कितना विश्वास प्रकट किया है और वह देश की आशा, आकांक्षाओं का प्रतीक बन चुका है। इसलिए स्वभाविक है कि देश की जनता हमारी ओर देख रही है। 
 
प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ समय के पार्टी के संगठनात्मक कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब तक राजनीतिक कार्यकर्ता जनभागीदारी में हिस्सा नहीं लेते हैं, तब तक कोई अभियान सफलता प्राप्त नहीं करता। इस संदर्भ में उन्होंने स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र किया और बताया कि किस प्रकार विभिन्न संगठनों एवं लोगों ने इसमें व्यापक हिस्सा लिया है और यह आंदोलन का रूप ले रहा है।
 
जेटली के अनुसार, प्रधानमंत्री ने किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का जिक्र करते हुए कहा कि हर गांव तक एक कार्यकर्ता की पहुंच सुनिश्चित करना होगा ताकि पता चले कि वहां क्या समस्या है, उसका क्या उपाय हो सकता है। यह कार्यकर्ता लोगों और सरकार के बीच सेतु का काम करेगा।
 
प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश में शौचालय को इज्जतघर संबोधित करने का जिक्र करते हुए कहा कि यह शब्दावली सीधा संदेश पहुंचाता है। ऐसे ही सरल और समझ में आने वाली भाषा में सरकार के कार्यों को पहुंचाया जाए। उन्होंने इंद्रधनुष टीकाकरण कार्यक्रम में भी व्यापक जनभागीदारी की वकालत की।
 
जेटली ने बताया कि 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर रन फॉर यूनिटी को व्यापक तौर पर सफल बनाने पर जोर दिया गया। (भाषा) 
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