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Last Modified: मंगलवार, 14 मार्च 2017 (18:00 IST)

मुथु कृष्णन जेएनयू छात्र रोहित वेमुला मामले में आंदोलन में सबसे आगे था

मुथु कृष्णन जेएनयू छात्र रोहित वेमुला मामले में आंदोलन में सबसे आगे था - Muthu Krishnan
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के मुनीरका में कथित तौर पर आत्महत्या करने वाला जेनयू का दलित छात्र मुथू कृष्णन पूर्व में हैदराबाद विश्वविद्यायल का छात्र था और बहुचर्चित रोहित वेमुला आत्महत्या मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ आंदोलन में सबसे आगे था।
28 वर्षीय मुथू कृष्णन तमिलनाडु के सलेम जिले से था और जेएनयू से पीएचडी करने से पहले उसने हैदराबाद विश्वविद्यालय से एमफिल किया था। जेएनयू के झेलम छात्रावास में रहने वाला कृष्णन मुनीरका में अपने दोस्त के घर कल पंखें से लटका पाया गया था।
 
जेएनयू छात्र संघ ने आरोप लगाया है कि रोहित को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन चलाने के कारण कृष्णन को निशाना बनाया जा रहा था और उसी के चलते हुए अवसाद के कारण कृष्णन ने यह कदम उठाया। हालांकि कृष्णन ने कोई सुसाइड़ नोट नहीं छोड़ा है लेकिन उसने जेएनयू में प्रवेश के लिए ‘भेदभावपूर्ण’ नीतियों की फेसबुक पर हाल ही में काफी आलोचना की थी और अब उसका यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी छाया है।
 
कृष्णन ने 10 मार्च को अपने पोस्ट में लिखा था कि एमफिल-पीएचडी में दाखिले में कोई समानता नहीं है, मौखिक परीक्षा में कोई समानता नहीं है, यहां समानता को सिर्फ नकारा जाता है, प्रो सुखदेव थोराट अनुशंसाओं को नकारना, प्रशासनिक खंड में छात्रों को प्रदर्शन करने का स्थान नकारना, वंचितों को शिक्षा नकारना। जब समानता को नकारा जाता है तो हर बात को झुठला दिया जाता है। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा कोई साक्ष्य नहीं हैं जो इस मामले में जेएनयू प्रशासन की भूमिका की ओर इशारा करते हों।
 
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि छात्र ने यह अतिवादी कदम विश्वविद्यायल के साथ किसी मुद्दे के चलते उठाया है। इस बीच जेएनयू प्रशासन इस घटना पर चुप्पी साधे है। इसका कहना है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। (भाषा)
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