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Last Updated : सोमवार, 24 अक्टूबर 2016 (12:30 IST)

अखिलेश हुए भावुक, शिवपाल ने कहा वक्त है कि नेताजी नेतृत्व संभालें

अखिलेश हुए भावुक, शिवपाल ने कहा वक्त है कि नेताजी नेतृत्व संभालें - Mulayam Singh Yadav to call for a crucial meet today
लखनऊ। समाजवादी पार्टी में चल रहे पारिवारिक युद्ध को लेकर पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सुबह 11 बजे पार्टी दफ्तर में सभी विधायक, सांसद, पूर्व सांसदों और एमएलसी की बैठक बुलाई है। हंगामें और समर्थकों के नारे के बीच इस बैठक में जहां अखिलेश यादव ने अमरसिंह और शिवपाल यादव पर निशान साधा। वहीं शिवपाल यादव ने रामगोपाल और अखिलेश यादव पर निशाना साधा। अखिलेश ने इस्तीफे की पेशकश की तो शिवपाल ने मुलायम सिंह से नेतृत्व संभालने की अपील की। इस दौरान दोनों ही देता भावुक होकर रो पड़े। मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी के बीच टकराव से मैं बहुत दुखी हूं।
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नेताजी मुलायम सिंह यादव बोले...
* मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को कहा, शिवपाल तुम्हारे चाचा हैं, उनके गले लगो।
* बैठक में मुलायम सिंह ने शिवपाल और अखिलेश यादव को गले मिलवाया।


मुलायम की दो टूक, शिवपाल और अमरसिंह को नहीं छोड़ूंगा...

*शिवपाल के काम को कभी नहीं भुला सकता।
*अमर सिंह मेरा भाई है। अमर सिंह ने कई बार हमारी मदद की।
*शिवपाल, अमर के खिलाफ नहीं सुन सकता।
 
* मुलायम ने कहा, मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं। 
* मुख्तार अंसारी के बचाव में मुलायम ने कहा कि अंसारी का परिवार सम्मानित ईमानदार परिवार है।
* शिपवाल के समर्थन में आए मुलायम।
 
*कुछ नेता सिर्फ चापलूसी में लगे हैं।
*क्या पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया?
*मुलायम ने कहा पार्टी में टकराव से दुखी हूं।
*बोलते वक्त मुलायम सिंह भी भावुक हुए।
*पार्टी को बनाने में संघर्ष किया। पार्टी के लिए जेल भी गया।
 
शिवपाल बोले...
*  वक्त है कि नेताजी नेतृत्व संभालें।
* 2003 में अमर सिंह की बदौलत सरकार बनी थी।
* मुझे पार्टी संभालने की छूट मिले।
* कुछ लोग अमर के पैरों की धूल बराबर नहीं।
* मैं अमर सिंह से संपर्क में रहा।
* नारे लगाने वालों से नहीं बनेगी सरकार।
* दलाल रामगोपाल की नहीं चलेगी।
* मैं कसम खाकर कहता हूं कि अखिलेश ने मुझसे कहा था कि मैं दल बनाऊंगा और किसी भी दल से मिलकर चुनाव लड़ लूंगा।
* शिवपाल भी बोलते हुए भावुक हुए।
* क्या मैंने अच्छा काम नहीं किया।
* मेरे अध्यक्ष बनने पर मेरे साथ किया हुआ।
* मैंने नेताजी का हर आदेश माना है।
 
*क्या मेरा योगदान नहीं है?
*पार्टी के लिए मैंने बहुत संघर्ष किया।
*कई मीलों तक पैदल चला।
*गांव गांव बांटी नेताजी की चिट्ठियां।
*3-3 महीन साइकिल चलाता था।
*हम लोग साइकिल पर गांव गांव जाते थे।
*पार्टी बनाने में नेताजी का साथ दिया।
*हम भी जवाब दे सकते थे।
*हंगामा करने वालों को हटाना जरूरी था।

 
बैठक में अखिलेश ने कहा... 
* दिल में जो है मुझे बता दीजिये।
* अखिलेश ने कहा, अगर मुलायम चाहेंगे तो मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगा।
*अखिलेश ने इस्तीफे की पेशकश की।
*नेताजी मुझे कहते तो मैं इस्तीफा दे देता।
 
*हमारी छवि खराब हुई।
*आपने जो कहा मैंने बर्दाश्त किया।
*मैंने नेताजी की पार्टी को आगे बढ़ाया।
*इस पार्टी में मेरे कुछ भी नहीं है।
 
* मुलायम द्वारा बुलाई गई बैठक में अखिलेश भावुक हुए, रो पड़े।
*नेताजी आपने सिखाया अन्याय के खिलाफ लड़ना।
* अखिलेश ने अमर सिंह पर निशाना साधा, कहा पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों के खिलाफ बोलूंगा।
* चचा मेरे खिलाफ साजिश कर रहे थे।
*मुलायम मेरे पिता हैं, मेरे गुरु हैं उन्होंने मुझे बनाया है।
* मेरे काम पर चुनाव होगा।
*मेरे काम पर चुनाव है, टिकट मैं ही बांटूगा।
*कई लोग गलत फहमी पैदा कर रहे हैं।
*अखिलेश ने कहा कि 25 साल पुरे, मैं नई पार्टी क्यों बनाऊंगा।

इससे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के समर्थक आपस में भिड़ गए और एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सांसदों, विधायको और पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुला रखी है। सपा कार्यालय के आसपास दोनों खेमों के लोग जुटे हुए हैं। दोनों खेमों के समर्थक आपस में भिड़ गए। धक्कामुक्की की। नारेबाजी की। पुलिस ने बीच बचाव कर दोनों को अलग किया। 


रविवार को अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। थोड़ी ही देर बाद मुलायम ने अपने चचेरे भाई रामगोपाल को पार्टी से निकाल दिया। अब अखिलेश और मुलायम के दो गुट बन चुके हैं और दोनों एक-दूसरे पर भाजपा से साठगांठ का आरोप लगा रहे हैं। रामगोपाल ने शिवपाल को व्याभिचारी कहा और शिवपाल ने भी रामगोपाल को बीजेपी का एजेंट बताया।
 
देर शाम सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के घर वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक के बाद मुलायम सिंह ने बाहर निकलकर पत्रकारों से कहा, आज कुछ नहीं बोलूंगा, जो पूछना सोमवार को पूछ लेना।
 
अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर बयान दिया कि मुलायम सिंह यादव मेरे पिता हैं। सारी जिंदगी उनकी सेवा करूंगा। मैं पिता के खिलाफ नहीं हूं। पार्टी तोड़ना नहीं चाहते हैं। 5 तारीख को जो पार्टी का 25 साल का जश्न होने जा रहा है, उसमें जरूर शामिल होने जाऊंगा। उससे पहले 3 तारीख से रथ यात्रा भी शुरू करेंगे. अखिलेश का कहना है कि वह सिर्फ उनके खिलाफ हैं, जो अमर सिंह के साथ हैं और अमर सिंह की तरफदारी कर रहे हैं।
 
इसके साथ ही रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव के नाम चिट्ठी भी लिखी। इसमें उन्होंने लिखा कि मुलायम न सिर्फ बड़े भाई, गुरु भी हैं। मुलायम अभी राक्षसी शक्तियों से घिरे हैं। मुक्त होने पर सच का अहसास होगा। इस धर्म युद्ध में मैं अखिलेश के साथ हूं। अखिलेश को फिर सीएम बनाने तक साथ हूं। पार्टी से निकाले जाने का दुख नहीं है। घटिया आरोप लगाए जाने से पीड़ा है। भाजपा नेताओं से मिलना अपराध नहीं है।