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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 2 मार्च 2015 (17:08 IST)

मुफ्ती के बयान को विपक्ष ने बताया राष्ट्रविरोधी

मुफ्ती के बयान को विपक्ष ने बताया राष्ट्रविरोधी - Mufti Mohammad Sayeed
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा जम्मू-कश्मीर के शांतिपूर्ण चुनाव के लिए पाकिस्तान एवं हुर्रियत को श्रेय दिए जाने के बयान पर राज्यसभा में कांग्रेस सहित विपक्ष ने सोमवार को भारी आपत्ति जताते हुए इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया जबकि केंद्र ने इसके लिए राज्य की जनता, सुरक्षाबलों तथा चुनाव आयोग को श्रेय दिया।
 
शून्यकाल में कांग्रेस के शांताराम नाइक ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि सईद ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ ही देर बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के लिए सीमा पार के लोगों, अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस और आतंकवादियों को श्रेय दिया था।
 
नाइक ने कहा कि यह बयान राष्ट्रविरोधी है और राष्ट्र विरोधी ताकतों का समर्थन कर सईद ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों, चुनाव आयोग और सुरक्षाबलों  के कारण यह चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो पाए जबकि नए मुख्यमंत्री ने उन्हें कोई श्रेय नहीं दिया है।
 
नाइक ने आरोप लगाया कि जिन 24 मंत्रियों ने शपथ ली है उनमें से एक का भाई हुर्रियत में है और उसकी पत्नी पाकिस्तानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के  दौरान संविधान के अनुच्छेद 370 के बारे में कहा था कि कम से कम चर्चा तो करो, लेकिन वे अब इससे बच रहे हैं।
 
सईद के इस बयान का विपक्षी सदस्यों द्वारा निंदा किए जाने के बीच संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव और अब विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने का सारा श्रेय जम्मू-कश्मीर, लेह एवं कारगिल के लोगों, चुनाव आयोग एवं  सुरक्षाबलों को जाता है।
 
नकवी ने कहा कि राज्य के लोगों ने जिस तरह से उत्साहपूर्वक चुनाव में भाग लिया तथा सुरक्षाबलों एवं चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए प्रयास किए, उसके लिए हम उनको बधाई देते हैं और सलाम करते हैं।
 
बाद में कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने भी व्यवस्था के प्रश्न के नाम पर यही मुद्दा उठाते हुए कहा कि मुफ्ती द्वारा इस तरह का बयान दिया जाना संविधान के विरुद्ध है।
 
हालांकि उपसभापति पीजे कुरियन ने उनके सवाल को यह कहकर खारिज कर दिया कि इस मामले में संसदीय कार्य राज्यमंत्री पहले ही सरकार का रुख स्पष्ट कर चुके हैं। (भाषा)