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Last Updated :जम्मू , सोमवार, 2 मार्च 2015 (20:28 IST)

अपने बयान पर कायम हूं : मुफ्‍ती मोहम्मद सईद

अपने बयान पर कायम हूं : मुफ्‍ती मोहम्मद सईद - Mufti Mohammad Sayeed
जम्मू। जम्मू कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव वाले अपने बयान पर विवाद छिड़ने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने सोमवार को कहा कि वे अपनी टिप्पणी पर अडिग हैं। उन्होंने इस पर हायतौबा मचाने वालों पर आरोप लगाया कि वे राई का पहाड़ बना रहे हैं।

यहां विधानमंडल परिसर में विधान परिषद चुनाव के लिए अपना वोट डालने के बाद उन्होंने कहा, मैंने जो कुछ कहा, उस पर मैं अडिग हूं। उन्होंने कहा, मैंने कल पाकिस्तान और हुर्रियत के बारे में जो कुछ कहा, कश्मीर के उबरने और लोकतंत्र के काम करने तथा इसमें विश्वास को उन्होंने (पाकिस्तान और हुर्रियत ने) मान्यता दी तथा इस बात को समझा कि मतदाता पर्ची लोगों की नियति है, न कि गोली या ग्रेनेड। 
 
उन्होंने कहा, और यह मतदाता पर्ची हमें भारत के संविधान ने दी है, जम्मू कश्मीर की अवाम की इसमें (अधिकार में) कहीं अधिक आस्था है। उन लोगों (सीमा पार के लोग और हुर्रियत) ने दखलंदाजी नहीं की, जैसा कि पहले (चुनावों में) हुआ करता था। 
 
सईद ने कल मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के शीघ्र बाद कहा था कि शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय अवश्य ही सीमा पार के लोगों को (पाकिस्तान का अप्रत्यक्ष जिक्र) जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हुर्रियत और आतंकवादी संगठनों ने पिछले साल दिसंबर में जम्मू कश्मीर में सौहार्दपूर्ण माहौल में विधानसभा चुनाव होने दिया।
 
इस टिप्पणी को लेकर आलोचनाओं का सामना करने पर मुफ्ती ने आज कहा कि उन्होंने कल जो कुछ कहा, उसके सिर्फ एक ही हिस्से पर जोर दिया गया, जबकि सकारात्मक चीजों को नजरअंदाज कर दिया।
 
मुफ्ती ने कहा, वे लोग राई का पहाड़ बनाना चाहते हैं। मैंने कल जो सकारात्मक चीजें कहीं, उसका जिक्र नहीं किया गया बल्कि इस पर अधिक ध्यान दिया गया कि मुफ्ती ने क्या कहा। 
 
उन्होंने स्पष्ट किया, मुफ्ती ने कहा कि भारत के संविधान में कश्मीर ने जो संवैधानिक अधिकार पाया है और लोकतांत्रिक संस्थानों ने जो मजबूती पाई है, यह मतदाता पर्ची के चलते है, जिसे उन्होंने मान्यता दी। उन्होंने कहा, उन्होंने हर चीज आजमाई। उन्होंने (सीमा पार की ताकतों) लोकतंत्र की संस्था को मान्यता दी। (भाषा)