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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 28 अगस्त 2016 (13:39 IST)

सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत पर भरोसा है मुझे : मोदी

सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत पर भरोसा है मुझे : मोदी - Modi in Mann ki baat
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की विविधता में एकता को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए रविवार को कहा कि उन्हें देश की सवा सौ करोड़ जनता की शक्ति पर भरोसा है और यह ताकत तथा पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ आगे बढ़ने का संकल्प सारी बाधाओं को पार करते हुए देश को विकास के पथ पर आगे ले जाएगा।
 
प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी और दूरदर्शन पर प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए रविवार को खेल से लेकर शिक्षा, सामाजिक उत्सवों से लेकर पर्यावरण सरंक्षण, समाज की सेवा के प्रति समर्पित लोगों और विभिन्न सामाजिक विषयों के साथ ही राजनीतिक सहयोग जैसे विभिन्न मुद्दों का जिक्र किया और कहा कि इन सभी बातों में देश की एकता और अखंडता परिलक्षित होती है, जो देश की सांस्कृतिक विरासत का एक बेजोड़ उदाहरण है।
 
प्रधानमंत्री ने हाल में संपन्न ओलंपिक खेलों का जिक्र करते हुए हॉकी के जादूगर ध्यानचंद को 29 अगस्त को उनके जन्मदिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे खेल भावना और देशभक्ति की अनूठी मिसाल थे।
 
मोदी ने कहा कि भले ही इस बार ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन आशा के अनुरूप नहीं रहा लेकिन भारत की साक्षी और सिंधु जैसी बेटियों ने 2 प्रतिस्पर्धाओं में मेडल जीतकर और दीपा करमाकर जैसी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर देश का मान बढ़ाया है। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि खेलों में देश के बेहतर प्रदर्शन के लिए उनकी सरकार ने एक समिति गठित की है, जो कमियों और भविष्य की रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगी। 
 
मोदी ने इस मौके पर समाज और व्यक्ति के जीवन में शिक्षक के महत्व का जिक्र करते हुए देश के प्रथम राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का महत्व अभिभावक से ज्यादा होता है। वह व्यक्ति के साथ ही पूरे समाज के निर्माण में उसकी अहम भूमिका है इसलिए शिक्षकों का मान बढ़ाना हर किसी की जिम्मेदारी है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को करीब आ रहे गणेशोत्सव की अग्रिम बधाई देते हुए कहा कि देश में इस तरह के उत्सव सिर्फ एक अनुष्ठान भर नहीं हैं। ये समाज को शक्ति देते हैं। समाज और व्यक्ति के जीवन में नया प्राण फूंकते हैं। 
उन्होंने कहा कि गणेशोत्सव की शुरुआत स्वाधीनता सेनानी बाल गंगाधर तिलक ने एक सामाजिक और राष्ट्रीय आंदोलन के प्रतीक के रूप में की थी आज भी यह उत्सव उस भावना को परिलक्षित करता है।
 
मोदी ने कहा कि गणेशोत्सव और दुर्गापूजा को लेकर कई लोगों ने उन्हें पत्र लिखे हैं जिनमें इन उत्सवों के बाद प्रतिमाओं के विसर्जन से पर्यावरण को होने वाले खतरे के प्रति चिंता प्रकट की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चिंता लाजिमी है। नदी, नहरें और पोखर तथा उसमें बसने वाले जीवों का संरक्षण हमारा कर्तव्य है यह भगवान की सेवा जैसी ही है। इसलिए उत्सवों में पर्यावरण का ध्यान रखा जाना चाहिए।
 
गरीबों की मसीहा मदर टेरेसा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपना सारा जीवन भारत में निस्सहाय लोगों और वंचितों को समर्पित कर दिया। ऐसी महान समाज सेविका को संत की उपाधि प्रदान किए जाने के अवसर पर देश के सवा सौ करोड़ लोगों की शुभकामनाएं साथ लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल वेटिकन जा रहा है।
 
मोदी ने विकास के जन आंदोलन में परिवर्तित होने पर आने वाले परिवर्तन का जिक्र करते हुए कहा कि  जनशक्ति ईश्वर का ही रूप माना जाता है। भारत सरकार ने पिछले दिनों पांच राज्य सरकारों के सहयोग के साथ स्वच्छ गंगा के लिए और गंगा सफाई के लिए लोगों को जोड़ने का एक सफल प्रयास किया। इलाहाबाद में इस प्रयास के तहत हाल में सैकडों लोगों ने गंगा को साफ रखने का संकल्प लिया। भारत सरकार के वे सभी मंत्रालय और मंत्री बधाई के पात्र है जिन्होंने यह पहल की।
 
प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत संबंधों के महत्व पर कहा कि भारत हमेशा से यह चाहता रहा है कि उसके संबंध पड़ोसी देशों के साथ गहरे, सहज और जीवंत हों। उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति द्वारा हाल में शुरु किए गए मैत्री चैनल का जिक्र करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक चैनल भर नहीं है बल्कि बंगलादेश के साथ भावनात्मक रुप से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम है। इस तरह विदेश नीति में अपना योगदान देने के लिए आकाशवाणी के लोग भी बधाई के पात्र है।
 
मोदी ने अगस्त महीने में कई महत्वपूर्ण घटनाएं होने का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान देश के कई हिस्से में बाढ़ का विनाश देखने को मिला तो दूसरी तरफ सब के सहयोग से वस्तु एवं सेवा कर संशोधन विधेयक का संसद में पारित होना राजनीतिक एकता की मिसाल रही। उसी प्रकार से कश्मीर में जो कुछ भी हुआ, उसके बारे में देश के सभी राजनैतिक दलों ने मिल करके एक स्वर से अपनी बात रखी। दुनिया को भी संदेश दिया, अलगाववादी तत्वों को भी संदेश दिया और कश्मीर के नागरिकों के प्रति 'हमारी संवेदनाओं' को भी व्यक्त किया।
 
उन्होंने कहा कि कश्मीर के संबंध में सभी दलों ने जो सहयोग दिया वह एकता का मूल मंत्र था। सब यह मानते हैं कि कश्मीर में चाहे जिसकी जान गई, चाहे वह किसी नौजवान की हो या किसी सुरक्षाकर्मी की हो, ये नुकसान 'हमारा ही है, अपनों का ही है, अपने देश का ही है।' जो लोग युवाओं को भड़का कर आगे करके कश्मीर में अशांति पैदा करने का प्रयास कर रहे हैं, कभी-न-कभी उनको इन निर्दोष लोगों को जवाब देना पड़ेगा।
 
मोदी ने खुले में शौच के चलन को खत्म करने, स्वच्छ भारत अभियान को जन आंदोलन का रूप देने और गैस सब्सिडी स्वेच्छा से छोड़ने वालों को बधाई देते हुए कहा कि ये ऐसी घटनाएं है जो दिल को छूती है नई ऊर्जा भी देती हैं, नई प्रेरणा भी देती हैं और यही है, जो भारत के लोगों के लिए कुछ-न-कुछ कर गुज़रने के लिए प्रेरणा देती हैं।
 
उन्होंने कहा कि  देश बहुत बड़ा है। विविधताओं से भरा हुआ है। विविधताओं से भरे हुए देश को एकता के बंधन में बनाए रखने के लिये नागरिक के नाते, समाज के नाते, सरकार के नाते, सबका दायित्व है कि  एकता को बल देने वाली बातों को ज्यादा महत्व दिया जाए तभी जा करके देश का भविष्य उज्ज्वल बन सकता है। 'मुझे सवा-सौ करोड़ देशवासियों की शक्ति पर भरोसा है।' (वार्ता)