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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: श्रीनगर , शनिवार, 30 जुलाई 2016 (18:33 IST)

बुरहान वानी पर चारों ओर से घिरीं महबूबा मुफ्ती

बुरहान वानी पर चारों ओर से घिरीं महबूबा मुफ्ती - Mehbooba Mufti
श्रीनगर। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी, जिसकी मौत के बाद कश्मीर अभी भी सुलग रहा है पर बयान-दर-बयान जारी कर मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब चारों ओर से घिर गई हैं। विपक्षी दल तो उन पर हमला बोल ही रहे हैं, पीडीपी सरकार में शामिल भाजपा ने भी अब महबूबा को आड़े हाथों लेते हुए उनके लिए परेशानी पैदा कर दी है।
 
ताजा क्रम में भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई ने हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंकवादी बुरहान की मुठभेड़ स्थल पर मौजूदगी की जानकारी न होने संबंधी पीडीपी अध्यक्ष मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान को खारिज करते हुए शनिवार को कहा कि सुरक्षाबलों को निश्चित तौर पर उसकी मौजूदगी की जानकारी थी।
 
भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा ने आज यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा कि जहां तक बुरहान वानी की मुठभेड की घटना का सवाल है तो सुरक्षा बलों को निश्चित तौर पर जानकारी थी कि कौन से आतंकवादी अंदर है। सुरक्षाबल बिना जानकारी के कार्रवाई नहीं करते। उनकी अपनी इंटेलिजेंस थी। उन्हें पता था कि वहां किस तरह का वातावरण है।
 
हालांकि पीडीपी अध्यक्ष के बयान पर सीधी प्रतिक्रिया व्यक्त करने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने किस संदर्भ में यह बयान दिया मुझे इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन जहां तक बुरहान की मौत की घटना का सवाल है, तो भाजपा अध्यक्ष के नाते मैं कह सकता हूं कि सुरक्षाबलों को निश्चित तौर पर इसकी जानकारी थी। 
 
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एक ऐसे आतंकवादी को मारना जिस पर दस लाख रुपए का इनाम हो, सुरक्षाबलों के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए उनका मनोबल कमजोर करने की बजाय उनकी पीठ ठोंकी जाना चाहिए। शर्मा ने कहा कि जो लोग देश के लिए खतरा है और कश्मीर को भारत को अंग नहीं मानते, उन्हें मारा जाना अच्छा और सराहनीय कदम था। उल्लेखनीय है कि महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में कहा था कि सुरक्षाबलों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि मुठभेड़स्थल पर बुरहान मौजूद था अन्यथा उसे एक मौका और दिया जाता। 
 
मुठभेड़ से पहले आतंकी बुरहान वानी के बारे में कोई जानकारी न होने के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी यकीन नहीं है। उमर का कहना है कि मुठभेड़ के बाद पुलिस ने मीडिया से अपनी बातचीत के दौरान कभी यह नहीं कहा कि उन्हें इस बारे में कोई अंदाजा नहीं था कि उनके घेरे में कौन था।
 
सोशल साइट ट्विटर पर मुख्यमंत्री के बयान पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उमर ने लिखा है कि मैं पुलिस के रिकॉर्ड किए गए उसी बयान पर विश्वास करूंगा जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री को इस मुठभेड़ के बारे में पूरी तरह से सूचित किया गया था। उन्होंने ऐसा अपने एक फॉलोअर के ट्वीट के उत्तर में लिखा है, जिसमें महबूबा के बयान पर टिप्पणी की गई है कि अब यह कहना सुरक्षित है कि दूसरा चांस दिया जा सकता था।
 
मुख्यमंत्री पर हमला बोलते हुए नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय प्रधान नासिर असलम वानी ने कहा कि इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है कि आतंकी बुरहान वानी की मौत को महज संयोग करार देने वाली मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उन पुलिसकर्मियों के लिए इनामी राशि भी जारी की है, जिन्होंने हिज्ब कमांडर को मुठभेड़ में मार गिराया।
 
अगर महबूबा को लगता है कि वह लोगों को यह समझाने में कामयाब रहेंगी कि उस मुठभेड़ के बारे में पूरी तरह अंजान थी जिसे अंजाम देने के लिए श्रीनगर से विशेष अभियान दल का दस्ता गया था तो वह मूर्खों की दुनिया में ही रह रही हैं। कई बार मुख्यमंत्री दावा करती हैं कि उन्हें इस मुठभेड़ के बारे में पता नहीं था, कभी कहती हैं कि यह एक संयोग था और उसके साथ ही लाखों का इनाम उन पुलिसकर्मियों के लिए अपने सीक्रेट फंड से जारी करती हैं जो इस अभियान में शामिल हुए थे।
 
कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री के उस बयान की निंदा की है जिसमें उन्होंने कहा कि सरकार को मालूम नहीं था कि मुठभेड़ स्थल पर आतंकी बुरहान मौजूद है। ऐसा बयान देकर मुख्यमंत्री क्या संदेश देना चाहती हैं। पीडीपी की सहयोगी भाजपा भी रुख स्पष्ट करे कि उसका आतंकवाद पर क्या रुख है और क्या वह पीडीपी के साथ सरकार में रहना चाहती है। 
 
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा ने बयान में कहा कि एक आतंकी जिस पर दस लाख का इनाम था, उसे लेकर मुख्यमंत्री कहती हैं कि उन्हें पता ही नहीं था कि मुठभेड़ स्थल पर वह भी मौजूद था। अगर उन्हें पता होता तो उसे मारा नहीं जाता। भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि वह पीडीपी के साथ सरकार में रहेगी या नहीं। मुख्यमंत्री के बयान से सुरक्षाबलों के मनोबल पर असर नहीं पड़ेगा।
 
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