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Last Updated :नई दिल्ली , रविवार, 24 मई 2015 (16:15 IST)

केजरीवाल और मोदी के बीच स्पर्धा से डरी भाजपा

केजरीवाल और मोदी के बीच स्पर्धा से डरी भाजपा - Manish Sisodiya attack BJP
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और उपराज्यपाल नजीब जंग के बीच टकराव के बीच रविवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली को राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर कथित सबसे बड़ा यू टर्न लेने के लिए केंद्र की निंदा की। उन्होंने आश्चर्य जताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच स्पर्धा से भाजपा भयभीत क्यों है।
 
आप के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर मनीष सिसोदिया के हवाले से कहा गया कि पिछले 1 साल में केंद्र का सबसे बड़ा यू टर्न दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर है। भाजपा केजरीवाल और मोदी के बीच स्पर्धा से भयभीत क्यों है? 

उपराज्यपाल द्वारा कार्यवाहक मुख्य सचिव के रूप में शकुंतला गेमलिन की नियुक्ति से सत्तारूढ़ आप और उपराज्यपाल के बीच पूर्ण स्तर की लड़ाई शुरू हो गई और केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अधिकार पर सवाल उठाए तथा उन पर आरोप लगाया कि वे प्रशासन को नियंत्रण में लेने की कोशिश कर रहे हैं। 
 
सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के भ्रष्ट लोगों को बचाने की योजना चल रही है। साथ ही यह भी कहा कि आप सरकार काम करने के साथ ही लड़ाई भी लड़ रही है तथा दिल्लीवासी सरकार के काम से खुश हैं।
 
उन्होंने ब्योरा दिए बिना कहा कि दिल्ली में तबादला-पोस्टिंग उद्योग में शामिल अधिकारी अपनी सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति कर रहे हैं। हम काम कर रहे हैं और लड़ाई भी लड़ रहे हैं। लोगों ने हमें शतरंज खेलने या इन भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए नहीं चुना है।
 
सिसोदिया ने झूठ फैलाने और केजरीवाल की छवि खराब करने के लिए मीडिया पर भी हमला बोला, हालांकि अपनी टिप्पणी में सुधार करते हुए कहा कि हम मीडिया के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि झूठ के खिलाफ हैं।
 
उन्होंने दिल्ली सरकार के 100 दिन पूरे होने पर कहा कि हम विधानसभा के अगले सत्र में जनलोकपाल विधेयक रखने की उम्मीद करते हैं। हमने किसी वरिष्ठ व्यक्ति या अधिकारी के खिलाफ जांच बंद नहीं की है। अंबानी (मुकेश) के खिलाफ मुकदमे पर तेजी से काम चल रहा है।
 
उन्होंने कहा‍ कि केंद्र ने नौकरशाहों की नियुक्ति में उपराज्यपाल को पूर्ण शक्तियां देते हुए अधिसूचना जारी की थी और स्पष्ट किया था कि उन्हें पुलिस और लोक व्यवस्था जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री से विमर्श करने की आवश्यकता नहीं है। 
 
इस बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अरविंद केजरीवाल का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि उनके राज्य को इसी तरह के मुद्दे के कारण ‘भारी कीमत’ चुकानी पड़ी।
 
उमर ने कहा कि केजरीवाल को सरकार चलाने के लिए भारी जनादेश मिला है, उनको गैरनिवार्चित उप राज्यपाल की बजाय खुद अपनी टीम चुनने की स्वतंत्रता एवं छूट होनी चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि मैं एक राज्य का मुख्यमंत्री रहा हूं और उस राज्य का मुख्यमंत्री था, जिसके बारे में अक्सर यह धारणा आती है कि वहां शासन पिछले दरवाजे से नई दिल्ली चला रहा है। (भाषा)