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Last Updated : बुधवार, 24 सितम्बर 2014 (12:47 IST)

मंगल मिशन हुआ कामयाब, भारत ने रचा इतिहास

मंगल मिशन हुआ कामयाब, भारत ने रचा इतिहास - mangalyan isro
बेंगलुरु। भारत का महत्वाकांक्षी मिशन 'मंगलयान' बुधवार सुबह सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया। मार्स आर्बिटर मिशन के कामयाब होने के साथ भारत मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश बन गया है। यह यान मंगल गृह के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में वैज्ञानिकों की मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक गौरवपूर्ण क्षण बाताते हुए कहा कि यह जश्न मनाने का समय है।




मंगल अभियान की कुछ खास बातें..
*मंगल पर कदम रखने वाला भारत एशिया का पहला देश बना गया जिसने यह सफलता हासिल की है।
*भारत पहली ही कोशिश में ऐसा इतिहास रचनेवाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
*नासा, ईएसए और रॉसकोसमॉस के बाद इसरो मंगलग्रह की कक्षा में जाने वाली तीसरी स्पेस बनी।
इसके साथ ही इस क्लब में क्लब का चौथा सदस्य बन गया। अभी तक अमरीका, रूस और यूरोपीय संघ ही इस क्लब में शामिल थे।
*यह दुनिया का सबसे सस्ता सफल मंगल अभियान है।
*प्रधानमंत्री मोदी ने लॉन्च के वक्त कहा था कि इस मिशन की कीमत हॉलीवुड मूवी ग्रेविटी की प्रोडेक्शन कीमत से भी कम है।
*इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 5 नवंबर 2013 को पीएसएलवी-सी-25 से लॉन्च किया गया था।
*450 करोड़ रूपए के प्रोजेक्ट को भारत सरकार ने तीन अगस्त 2012 को मंजूरी दी थी। इस मिशन ने 12 फरवरी 2014 को 100 दिन पूरे किए थे।
 
क्या कहा नरेंद्र मोदी ने...
* हमारी क्रिकेट टीम अगर एक ‍मैच जीतकर आती है तो पूरा देश नाच उठता है। हमारे वैज्ञानिकों की सिद्धि बहुत‍ तपस्या से प्राप्त हुई सिद्धि है। कल से नवरात्रि शुरु होना है। आज पूरा हिन्दुस्तान हमारे वैज्ञानिकों को 5 मिनट खड़ा होकर बधाई दें। वैज्ञानिकों की यह वर्षों की तपस्या सफल हुई है।

* प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत एकमात्र देश है जो अपने पहले ही प्रयास में सफल रहा
* जब काम मंगल होता है, इरादे मंगल होते हैं, तो मंगल की यात्रा भी मंगल होती है।
* 65 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करके मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा भारत का मंगलयान।
* मुझे मिशन की सफलता का विश्वास था।
* अगर ये नाकाम भी होता है तब भी मेरी यहां आने की जिम्मेदारी है।
* विफल होते हैं तो आलोचना का शिकार होते हैं और सफल होते हैं तो ईर्ष्या के शिकार होते हैं। तो आप चिंता न करें।
* मेरे यहां आने से पहले वैज्ञानिकों को संकोच था कि आप आ रहे हैं। मिशन सफल होता है या विफल यह हम कह नहीं सकते। मैंने कहा आप चिंता न करें। विफल हुआ तो इसके लिए मैं जिम्मेदार रहूंगा। और सफल हुए तो सफलता का श्रेय लेने सभी आ जाते हैं तो ऐसा नहीं। 
* भारत ने यह काम पहले प्रयास में कर दिखाया है। मैं इसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं।
* भारत ने अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ा। यह एशिया का पहला देश बना।
 
* प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मंगल को 'मॉम' मिल गया। उल्लेखनीय है कि मॉम मंगलयान का शॉर्ट नेम है।
* मोदी ने वैज्ञानिकों से कहा आप सबको बधाई। देशवासियों को बधाई। यह हमारे लिए गौरवपूर्ण क्षण है। यह देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। भारत ने अंतरिक्ष में इतिहास रचा है।
* भारतीय वैज्ञानिकों के चेहरे पर मुस्कान। इसरो के अध्यक्ष और मोदी ने खड़े होकर तालियां बजायी। 
* नवंबर 2011 में चीन ने यह कोशिश की थी और वह नाकामयाब रहा, जापान ने यह कोशिश की थी वह भी नाकाम रहा था।

* जो काम अमेरिकी अं‍तरिक्ष एजेंसी 'नासा' नहीं कर पाया वो भारत ने कर दिया। पहले ही प्रयास में भारत ने मंगल की कक्षा में स्थापित किया अपना खुद का यान। भारत के लिए यह गौरवपूर्ण क्षण। पूरे देश में हर्ष। 
* भारत ने रचा इतिहास। मंगल की कक्षा में स्थापित हुआ मंगल यान। यह ऐतिहासिक क्षण। सभी वैज्ञानिकों ने ताली बजाकर स्वागत किया। मोदी ने भी ताली बजाई। 
 
मीडियम गैन एंटीना घुमा दिया गया। 
* मंगलयान के 2 मिनट और कुछ सेकंड लेट होने से सभी में चिंता। नरेन्द्र मोदी में सांस धामें यान की प्रोसेस को देख रहे हैं। हालांकि अभी तक सब कुछ ठीक है।
 
* अभी मंगलयान का  मीडियम गैन एंटीना मंगलयान की तरफ है। उसे धरती की ओर घुमाया जाएगा। इस समय प्रज्वलयल से 26.45 सेकंड पर आ चुके हैं। एंटना घुमेगा तभी सिग्नल मिलना शुरु होगा। मंगलयान के मंगल की कक्षा में प्रवेश करने के पूर्व यह यान खुद ही ऑपरेट होगा। फिर इसे धरती से ऑपरेट नहीं किया जा सकेगा। 

* 7:53 मिनट पर यह मालूम होगा कि हम कामयाब हुए हैं कि नहीं। अमेरिका की 6 कोशिशें नाकाम हो चुकी है। अब अमेरिका ने सातवीं कोशिश में 'मेवन' नाम का यान भेजा है। भारत की यह पहली कोशिश है। 

* मार्स आर्बिट में पहुंचा मंगलयान। सभी इस मिशन के कामयाब होने की प्रार्थना कर रहे हैं।
* कुछ ही देर में मंगलयान से सिग्नल आना शुरु होंगे।
* अब वैज्ञानिकों के सामने चुनौती मंगलयान की गति 22.57 किमी प्रति सेकेंड से घटाकर 4.6 प्रति सेकेंड करने की है।

* मंगलयान पहुंचा मंगल की छाया में।
* इंजन के अच्छी तरह काम करने पर सभी ने तालियां बजाई।
* मंगलयान का मुख्य इंजन स्टार्ट किया गया, प्रधानमंत्री मोदी भी मौजूद।
* इसरो ने बताय है कि मंगलयान का इंजन स्टार्ट कर दिया गया है।
*वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंगलोर के इसरो सेंटर पहुंच चुके हैं।
*सुबह 7.12 मिनट पर मंगलयान मंगल ग्रह की छाया से गुजरा।
* चंद मिनटों में 7.17 मिनट पर मंगलयान का मुख्य इंजन स्टार्ट किया जाएगा।


* इसरो वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद है. अगर सब सफल रहा तो बुधवार दोपहर तक मंगलग्रह की पहली तस्वीर सामने आएगी।

* आज लिक्विड इंजन स्टार्ट किया जाएगा। इंजन स्टार्ट होने के बाद मंगलयान उस सफर पर निकल पड़ेगा, जिसमें पहली कोशिश में कामयाबी दुनिया के किसी देश को नहीं मिली, ये कामयाबी हिंदुस्तान को मिलेगी, इसे लेकर इसरो के वैज्ञानिक पूरी तरह आश्वस्त हैं।
* 24 सितंबर की सुबह अंतिम चरण में मंगलयान की रफ्तार को 22.1 किलोमीटर प्रति सेकेंड से कम करके 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड किया जाएगा। ताकि वह मंगल की कक्षा में बना रह सके। ये प्रक्रिया लीक्विड इंजन स्टार्ट होने के साथ शुरू हो जाएगी।
* इससे पहले सोमवार को मंगलयान पर 300 दिनों तक सुसुप्ता अवस्था में रहने के बाद 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) इंजन को 3.968 सेंकेड के लिए चालू किया गया और यान मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में दाखिल हो गया था।

* सुबह 4 बजे मीडिया की इसरो कमांड सेंटर में एंट्री हुई।
* 6.30 के लगभग पीएम नरेन्द्र मोदी इसरो कमांड सेंटर में पहुंचेंगे.
*  . 7.18 पर लिक्विड इंजन इग्नाइट हुआ।

*  साढ़े 12 मिनट के बाद लगभग 7.31 पर इंजन के इग्नाइट होने की सूचना मिलेगी (सूचना आने में साढ़े 12 मिनट का समय लगता है).
*  इंजन को साढ़े 24 मिनट तक इग्नाइट किया जाएगा इससे उसका वेग इस तरह से नियंत्रित होगा कि वो मंगल की कक्षा में प्रवेश कर सके.
* ध्यान रहे कि जिस वक्त यान मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा उस वक्त वो मंगल की छाया में रहेगा (यानी पृथ्वी और यान के बीच में मंगल होगा) इसलिए उसे देखा नहीं जा सकेगा।
*  7.48 के क़रीब ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा के नासा सेंटर से मंगल यान के मंगल की कक्षा में प्रवेश की पहली सूचना मिलेगी.
*  8.15 होते होते न सिर्फ मंगल यान नज़र आने लगेगा बल्कि उसके सफलता पूर्वक मंगल की कक्षा ने प्रवेश की पुष्टि भी हो जायेगी.
*  इसके बाद पीएम मोदी वैज्ञानिकों को संबोधित करेंगे.
*  परियोजना से जुड़े तमाम वैज्ञानिकों के लिए अगले 2-3 दिन बेहद अहम होंगे. उन्हें मंगल की कक्षा में मंगल यान को नियंत्रित करने, यान के कैमरों को सक्रिय करना, उसकी रिपोर्ट्स की निगरानी जैसे बेहद ज़रूरी कामों की निगरानी करनी होगी।
* इसरो वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद है. अगर सब सफल रहा तो बुधवार दोपहर तक मंगलग्रह की पहली तस्वीर सामने आएगी।

आज लिक्विड इंजन स्टार्ट किया जाएगा। इंजन स्टार्ट होने के बाद मंगलयान उस सफर पर निकल पड़ेगा, जिसमें पहली कोशिश में कामयाबी दुनिया के किसी देश को नहीं मिली, ये कामयाबी हिंदुस्तान को मिलेगी, इसे लेकर इसरो के वैज्ञानिक पूरी तरह आश्वस्त हैं।

24 सितंबर की सुबह अंतिम चरण में मंगलयान की रफ्तार को 22.1 किलोमीटर प्रति सेकेंड से कम करके 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड किया जाएगा। ताकि वह मंगल की कक्षा में बना रह सके। ये प्रक्रिया लीक्विड इंजन स्टार्ट होने के साथ शुरू हो जाएगी।

इससे पहले सोमवार को मंगलयान पर 300 दिनों तक सुसुप्ता अवस्था में रहने के बाद 440 न्यूटन लिक्विड एपोजी मोटर (एलएएम) इंजन को 3.968 सेंकेड के लिए चालू किया गया और यान मंगल ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में दाखिल हो गया था।

* सुबह 4 बजे मीडिया की इसरो कमांड सेंटर में एंट्री हुई।
* 6.30 के लगभग पीएम नरेन्द्र मोदी इसरो कमांड सेंटर में पहुंचेंगे.
*  . 7.18 पर लिक्विड इंजन इग्नाइट हुआ।
*  साढ़े 12 मिनट के बाद लगभग 7.31 पर इंजन के इग्नाइट होने की सूचना मिलेगी (सूचना आने में साढ़े 12 मिनट का समय लगता है).
*  इंजन को साढ़े 24 मिनट तक इग्नाइट किया जाएगा इससे उसका वेग इस तरह से नियंत्रित होगा कि वो मंगल की कक्षा में प्रवेश कर सके.
* ध्यान रहे कि जिस वक्त यान मंगल की कक्षा में प्रवेश करेगा उस वक्त वो मंगल की छाया में रहेगा (यानी पृथ्वी और यान के बीच में मंगल होगा) इसलिए उसे देखा नहीं जा सकेगा।
*  7.48 के क़रीब ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा के नासा सेंटर से मंगल यान के मंगल की कक्षा में प्रवेश की पहली सूचना मिलेगी.
*  8.15 होते होते न सिर्फ मंगल यान नज़र आने लगेगा बल्कि उसके सफलता पूर्वक मंगल की कक्षा ने प्रवेश की पुष्टि भी हो जायेगी.
*  इसके बाद पीएम मोदी वैज्ञानिकों को संबोधित करेंगे.
*  परियोजना से जुड़े तमाम वैज्ञानिकों के लिए अगले 2-3 दिन बेहद अहम होंगे. उन्हें मंगल की कक्षा में मंगल यान को नियंत्रित करने, यान के कैमरों को सक्रिय करना, उसकी रिपोर्ट्स की निगरानी जैसे बेहद ज़रूरी कामों की निगरानी करनी होगी।