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Last Modified: जमशेदपुर , गुरुवार, 25 सितम्बर 2014 (17:15 IST)

इसरो प्रमुख ने की मोदी सरकार की सराहना

इसरो प्रमुख ने की मोदी सरकार की सराहना - Mangal mission
जमशेदपुर। राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने गुरुवार को यहां कहा कि ‘मंगल मिशन’ की सफलता भारत को दुनिया में उसका उचित स्थान दिलाएगी, क्योंकि यह उत्कृष्ट नेतृत्व और शानदार टीम वर्क का नतीजा है।
मंगल मिशन की सफलता के लिए भारतीय वैज्ञानिकों और इसरो की सराहना करते हुए प्रख्यात वैज्ञानिक ने इसरो अध्यक्ष के. राधाकृष्णन के नेतृत्व की सराहना की। उन्होंने इस मिशन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल द्वारा दिए गए सहयोग का भी जिक्र किया।
 
योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने जोर देकर कहा कि हमारे युवा वैज्ञानिकों ने इसरो प्रमुख के योग्य नेतृत्व में इसे संभव कर दिखाया।
 
कस्तूरीरंगन ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महिलाओं का सशक्तीकरण’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ‘इस्पात नगरी’ कहलाने वाले जमशेदपुर शहर आए थे। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी की झारखंड शाखा ने किया था।
 
मंगल मिशन की लागत का जिक्र करते हुए कस्तूरीरंगन ने कहा कि यह सचमुच बेहद कम बजट की पहल थी, लेकिन इसकी प्रौद्योगिकी बेहद जटिल है। 
 
कस्तूरीरंगन ने कहा कि खगोलीय अन्वेषण में भारत अब दुनिया के साथ काम कर सकता है तथा यह उपलब्धि हासिल कर हम अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ जैसे गिने-चुने देशों की कतार में आ गए हैं।
 
उनसे पूछा गया कि अंतरिक्ष अनुसंधान में आज भारत कहां खड़ा है? इस पर उनका जवाब था कि जहां तक मंगल मिशन की सफलता का संबंध है तो हमें अपनी तुलना दूसरे देशों से नहीं करना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, मौसम, पर्यावरण, औद्योगीकरण, संचार आदि विभिन्न सामाजिक क्षेत्रों में सुधार की संभावना तलाशने के लिए देश केंद्रित हैं।
 
कस्तूरीरंगन ने कहा कि हमारे अंतरिक्ष कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य हमारी सामाजिक प्रणालियों के लिए लाभ सुनिश्चित करना है जिसके लिए हमने ज्यादा निवेश किया है। (भाषा)