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Last Updated :बेंगलुरु , मंगलवार, 3 मार्च 2015 (20:16 IST)

'मंगल' से मिलेगी सतह के अध्ययन में मदद

'मंगल' से मिलेगी सतह के अध्ययन में मदद - Mangal
बेंगलुरु। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा है कि भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन के पेलोड ने मंगल के अल्बेडो (परावर्तनीयता) को देखा है, जो कि इस ग्रह की सतह के तत्वों के अध्ययन में मददगार साबित होगा।
इसरो ने अपने फेसबुक पेज पर कहा, यहां दिया गया नक्शा मंगल की सतह की परावर्तनीयता दर्शाता है, जो कि मंगल पर भेजे गए पेलोड के मेथेन संसूचक के जरिए 16 दिसंबर 2014 तक देखी गई है। नक्शे में नीला रंग मंगल की सतह पर अल्बेडो के निम्नतम लक्षण दर्शाता है और लाल रंग इसके उच्चतम लक्षण दिखाता है। 
 
अल्बेडो (परावर्तनीयता) दरअसल सौर ऊर्जा का वह अंश है, जो ग्रह की सतह से परावर्तित होकर वापस अंतरिक्ष में चला जाता है। मंगल की सतह की परावर्तनीयता को पेश करने वाले नक्शे के साथ इसरो द्वारा डाली गई पोस्ट में आगे कहा गया कि ‘मार्स कलर कैमरा’ द्वारा मापी गई परावर्तनीयता के साथ ये आंकड़े मंगल की सतह के तत्वों के अध्ययन में लाभदायक होंगे।
 
पांच नवंबर 2013 को इसरो के पीएसएलवी सी25 के जरिए श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किया गया मंगल यान लगभग नौ माह के सफर के बाद सितंबर 2014 में मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया था। इसके साथ ही भारत दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया था, जिसे पहले ही प्रयास में अंर्तग्रही अभियान में सफलता हासिल हुई है।
 
मंगल यान में पांच उपकरण लगे हैं, जिनमें मेथेन गैस का पता लगाने वाला संसूचक, एक रंगीन कैमरा और लाल ग्रह की सतह एवं खनिज संपदा से जुड़ी जानकारी जुटाने वाला थर्मल इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर भी शामिल है। इसरो ने कहा कि मंगल यान में लगे पेलोड ‘मेथेन सेंसर फॉर मार्स’ का काम मेथेन की उपस्थिति एवं घनत्व की पहचान करना है।
 
इसरो ने अपनी पोस्ट में कहा कि सौरमंडल में सभी ग्रह सूर्य से अपनी दूरी के आधार पर अलग-अलग मात्रा में सौर विकिरण प्राप्त करते हैं। ग्रह की सतह का अध्ययन इस बात पर निर्भर करता है कि यह विकिरण किस तरह से वापस परावर्तित होता है। 
 
इसरो ने कहा, मंगल से परावर्तित होने वाला सौर विकिरण एक अहम संकेत है, जो कि ग्रह की सतह और इसके वातावरण के बारे में बहुत सी जानकारी देता है। इसरो ने कहा, जब हम प्रकाश की तरंग की तय लंबाई (यहां 1.65 माइक्रॉन) में परावर्तित प्रकाश को मापते हैं तब हम इससे परावर्तनीयता का एक नक्शा तैयार कर सकते हैं। (भाषा)