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Last Modified: शनिवार, 28 मई 2016 (00:21 IST)

सीमा पार से आए 6 आतंकी ढेर, दो जवान भी शहीद

सीमा पार से आए 6 आतंकी ढेर, दो जवान भी शहीद - LOC, terrorists, Pakistan, Jammu and Kashmir,
श्रीनगर। एलओसी पार से घुसपैठ के बढ़ते ही मुठभेड़ों का सिलसिला तेज हो गया है। पिछले 48 घंटों से सेना एलओसी के कई इलाकों में घुसपैठियों से जूझ रही है। हालांकि अभी तक कुपवाड़ा और बारामुला के नौगाम और टंगमर्ग में ही कामयाबियां मिली हैं, जहां 48 घंटों में 6 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं। दो जवान भी शहीद हुए हैं। तीन अन्य जख्मी भी हुए हैं। 
इतना जरूर था कि इन मुठभेड़ों को जल्द खत्म करने के इरादों से सेना ने बिना वक्त गवाएं उन मकानों को बमों की बरसात से ध्वस्त करने की नीति अपना ली है, जहां आतंकी शरण लेने लगे हैं।
 
बारामुला के टंगमर्ग में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों के पास से दो एके -47 भी बरामद हुई हैं। इस कार्रवाई में सेना का एक जवान शहीद हो गया है और दो के घायल होने की खबर है। उधर कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में चार आतंकी मारे गए। एक जवान शहीद हो गया। 
   
सेना का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुक्रवार को तड़के साढ़े चार बजे शुरू हुआ। यहां पर दो आतंकी एक इमारत में घुसकर छिप गए थे। बाद में सेना ने इस इमारत को उड़ा दिया। दोनों आतंकियों के मारे जाने की खबर है। फिलहाल मौके पर सर्च अभियान जारी है। सेना ने उस घर को तब उड़ाया, जब घर और आसपास के इलाकों से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस ऑपरेशन में सेना के साथ राज्य पुलिस और सीआरपीएफ भी शामिल थी।
 
गुरुवार को सुबह कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल पर चल रही मुठभेड़ में सेना ने चार आतंकियों को मार गिराया। यहां भी सेना का एक जवान शहीद हो गया। फिलहाल ऑपरेशन खत्म हो गया है और सर्च ऑपरेशन जारी है। गुरुवार को ही पुलवामा के कोकीपुरा में सेना के कैंप पर आतंकियों ने ग्रेनेड से हमला किया था और फरार हो गए थे। इसमें एक जवान घायल हो गया था।
 
ताजा मुठभेड़ों में हालात ये है कि सेना ने आतंकियों के ठिकाने को ही बमों से उड़ाना आरंभ किया है। पर यह नीति भी कामयाबी नहीं दिला पा रही है क्योंकि  इसके बावजूद भी आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। दरअसल यह मुठभेड़ शुक्रवार को नौगाम से प्रारंभ हुई। इस दौरान इस दूसरे एनकाउंटर में 4 आतंकियों को मार दिया गया जबकि ऑपरेशन में एक जवान शहीद हो गया। 
 
दरअसल शुक्रवार को एक बार फिर आतंकियों ने टंगमर्ग क्षेत्र में मोर्चा खोला था। इसके पहले अन्य आतंकियों ने नौगाम में सुरक्षा बलों को चुनौती दी थी। ऐसे में सुरक्षा बलों ने मोर्चे पर डटकर आतंकियों को ढेर कर दिया।
 
बताया जा रहा है कि एलओसी के पास नौगांव सेक्टर में आतंकियों ने घुसपैठ के इरादे से सेना पर गोली चलाई थी, जवाब में सैनिकों ने भी फायरिंग की और चार आतंकियों को ढर कर दिया। आतंकी सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे और इसी दौरान सेना पर गोलीबारी शुरू की।
 
आज सुबह टंगमर्ग पर सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पनाहगाह पर बम बरसाए गए थे जिसके चलते आतंकियों का यह ठिकाना ध्वस्त हो गया। मगर इसके बाद भी आतंकियों के होने की आशंका जताई गई। ऐसे में सेना ने सर्चिंग की। सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को दो आतंकियों के छुपे होने की जानकारी मिली। दरअसल ये आतंकी एलओसी से सटे क्षेत्र में छुप गए थे। मौका मिलते ही आतंकियों की ओर से गोलीबारी प्रारंभ कर दी गई। ऐसे में सेना ने भी जवाबी कार्रवाई प्रारंभ कर दी।

घुसपैठ का भयानक खतरा मंडराया, रात को बाहर निकलने की मनाही
 
कश्मीर के एलओसी से सटे इलाकों में  एक बार फिर आतंकवादियों और आतंकी गतिविधियों की दस्तक ने कश्मीरी नागरिकों का जीना हराम कर दिया है। हालत यह है कि सुरक्षाबलों द्वारा इन आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों का शिकार आम नागरिक फिर से होने लगे हैं। हालांकि ऐसे हादसों के प्रति सुरक्षाबल मात्र दो शब्द कह कर -गलत पहचान के कारण- अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते जा रहे हैं।
 
वैसे तो सुरक्षाधिकारी एलओसी से सटे इलाकों में गंभीर होते हालात के प्रति अधिक नहीं बोल रहे हैं, पर मिलने वाली खबरें कहती हैं कि बड़ी संख्या में आतंकी हाल ही के दिनों में घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और वे एलओसी से सटे जंगलों में सुरक्षित ठिकानों की भी तलाश में हैं।
 
बड़ी तादाद में घुसपैठ की खबरों के बाद ही सेना ने अन्य सुरक्षाबलों के साथ मिल कर आतंकियों के सफाए के लिए अभियान छेड़ा हुआ है ताकि वे शहरों तक न पहुंचने पाएं। रक्षा सूत्र मानते हैं कि इन आतंकियों को श्रीनगर के राजधानी शहर तक पहुंचने और वहां हमलों के निर्देश दिए गए हैं।
 
ऐसे में आतंकियों के खिलाफ अभियानों में नागरिकों को जान-माल की क्षति न हो, एलओसी से सटे जिलों में उपायुक्तों द्वारा नागरिकों को रात के समय वैसे तो घरों से बाहर न निकलने के निर्देश थमाए गए हैं और अगर रात के समय बाहर निकलना बहुत ही आवश्यक हो तो हाथों में लालटेन लेकर निकलने की हिदायत दी गई है। याद रहे कश्मीर के एलओसी से सटे गांवों में कुछ साल पूर्व तक ऐसे निर्देश लागू होते थे और पिछले 4-5 सालों से लोग आराम की जिन्दगी जी रहे थे।
 
अधिकारियों का कहना था कि एलओसी के इलाकों में रात के कर्फ्यू की पांबदियों  को सख्ती से लागू किया जा रहा है और लोगों को सख्त हिदायत दी गई है कि सुरक्षाबलों के नाकों से गुजरते समय रूकने की चेतावनी का उल्लंघन न करें और हाथों में लालटेन लेकर अपनी पहचान को जरूर जाहिर करें ताकि गलत पहचान के आधार पर कोई गोली का शिकार न हो जाए।
 
इस बीच अब जबकि एलओसी पर बर्फ पिघलने लगी है, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से करीब दो दर्जन आतंकी पिछले दिनों घुसने में कामयाब रहे थे और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बडे़ अभियान को भी छेड़ चुकी है। हालांकि कश्मीर की घुसपैठ के बाद आरंभ हुई सैनिक कार्रवाई की सच्चाई यह है कि सेना अभी तक इन आतंकियों को खोज नहीं पाई है।
 
रक्षाधिकारियों के बकौल, ऐसी की घटना पुनः न हो इसके लिए बर्फ के पिघलने से पहले ही पारंपारिक घुसपैठ के रास्तोें पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बार्डर पर भेजा गया है कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है।
 
इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। और इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटा कर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।