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Last Updated :श्रीनगर , रविवार, 14 फ़रवरी 2016 (17:05 IST)

बहुत कम रह गई है कश्मीर में घुसपैठ : सेना

बहुत कम रह गई है कश्मीर में घुसपैठ : सेना - Kashmir, infiltration, military
श्रीनगर। सेना ने रविवार को कहा कि घाटी में आतंकवादियों की संख्या में कमी दिखने के साथ ही पहले के वर्षों के मुकाबले नियंत्रण रेखा से कश्मीर में घुसपैठ ‘बहुत कम’ रह गई है और आतंकवादियों को भेजने वाले ठिकानों में 100 से कम आतंकवादी हैं।
श्रीनगर आधारित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने यहां कहा कि आतंकवादियों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं हुई है। उनकी संख्या घट रही है। 
 
वे आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कुपवाड़ा में शहीद हुए 2 जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। जीओसी ने कहा कि नियंत्रण रेखा का इलाका ऐसा है कि घुसपैठ होती है, लेकिन सेना संख्या को सीमित करने में सफल रही है।
 
उन्होंने कहा कि मैं (घुसपैठ होने की बात से) इंकार नहीं करूंगा। 2015 में घुसपैठ के 600 से अधिक इनपुट मिले, हालांकि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठरोधी ग्रिड और हमारी चौकसी की वजह से हम उनकी संख्या को सीमित करने में सफल रहे हैं। आप सब जानते हैं कि 10-15 साल पहले किस तरह की घुसपैठ होती थी तथा आज यह बहुत कम रह गई है। 
 
दुआ ने कहा कि नियंत्रण रेखा के परे आतंकवादी भेजने वाले केंद्रों (लांच पैडों) में इंतजार कर रहे आतंकवादियों की संख्या में भी कमी आई है तथा लांच पैडों में इंतजार कर रहे आतंकवादी आमतौर पर गर्मियों में घुसपैठ का ज्यादा प्रयास करते हैं। वर्तमान में उनकी संख्या में कमी आई है। उनकी संख्या 100 से नीचे रह गई है। 
 
दुआ ने बताया कि कूपवाड़ा में घुसपैठ के प्रयासों की ज्यादा सूचनाएं मिलती हैं लेकिन घुसपैठरोधी ग्रिड आतंकी समूहों को क्षेत्र में घुसपैठ नहीं करने देता तथा पिछले करीब 3 महीनों से हमें घुसपैठ की कई सूचनाएं मिलीं और कुपवाड़ा क्षेत्र में कई अभियान चलाए गए।
 
दुआ ने कहा कि आतंकी समूह अत्यंत प्रभावी और मजबूत घुसपैठरोधी ग्रिड के चलते क्षेत्र में घुसने में सफल नहीं हो पाते हैं। इसी वजह से आप देख रहे हैं कि आतंकवादी कूपवाड़ा में मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पठानकोट घटना के बाद घाटी में सेना को अपनी कार्रवाई में कोई बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वह पहले से ही लगातार अपने कदमों में सुधार करती रही है। (भाषा)