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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Updated :श्रीनगर , बुधवार, 1 अक्टूबर 2014 (17:19 IST)

कश्मीर में राजमार्ग बहाल, सचिवालय भी खुले

कश्मीर में राजमार्ग बहाल, सचिवालय भी खुले -
श्रीनगर। कश्मीर में अब जनजीवन कुछ-कुछ पटरी पर लौटने लगा है। हालांकि अभी भी कीचड़ और पानी में जिन्दगी सिसक रही है पर इन सब पर विजय पाते हुए कश्मीरी जिंदगी जीने की कोशिश में जुट गए हैं। कश्मीर को दुनिया से मिलाने वाले तीनों राजमार्ग भी खुल गए हैं और लोगों में विश्वास जगाने की खातिर नागरिक सचिवालय भी खुल गए हैं।
बाढ़ प्रभावित कश्मीर क्षेत्र में जनजीवन सामान्य स्थिति में लौट रहा है, क्योंकि घाटी में वाहनों की आवाजाही तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के जरिये बहाल कर दिया गया है, जिससे व्यापक पैमाने पर आपूर्ति बहाल करने में मदद मिली है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग मुगल रोड, श्रीनगर-जम्मू और किश्तवाड़-सिंथन को यातायात के लिए खोल दिया गया है। 
 
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राशन, सुरक्षित पेयजल, कंबल, टेंट, दवाएं आदि बाढ़ प्रभावित लोगों को मुहैया कराने के साथ ही जल जमाव क्षेत्रों, विशेष तौर श्रीनगर शहर से जलनिकासी और सफाई व्यवस्था पर ध्यान देने पर जोर दिया। मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रतिदिन समीक्षा बैठक कर रहे हैं। एक बैठक के दौरान उमर को बताया गया कि शहर के कई पानी भरे इलाकों से पानी हेवी वाटर पंपों से निकाला जा रहा है और सफाई अभियान भी चलाया जा रहा है। 
 
लोगों में विश्वास को जगाने के लिए भीषण बाढ़ की वजह से 11 दिन तक बंद रहने के बाद जम्मू कश्मीर सिविल सचिवालय को आज फिर से खोल दिया गया। हालांकि सात मंजिला इमारत के भूतल के अभी भी तीन फुट पानी में डूबे होने के कारण कामकाज शुरू नहीं हो सका पर इस कदम को कश्मीरियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला बताया जा रहा है।
 
दफ्तर खुलने के समय सुबह साढ़े नौ बजे विभिन्न कार्यालयों वाले इस सिविल सचिवालय के मुख्य गेट पर 10 प्रतिशत से भी कम कर्मचारी काम पर पहुंचे। इस सचिवालय में लगभग 4000 कर्मचारी काम करते हैं। मुख्य दरवाजे पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा रखे गए उपस्थिति रजिस्टर पर कर्मचारियों ने अपना नाम दर्ज किया और अपने घरों को लौट गए।
 
वन मंत्री मियां अलताफ अहमद सबसे पहले 11 बजे सुबह में वहां पहुंचे, जिसके बाद वित्त मंत्री अब्दुल रहीम राठेर 11.20 मिनट पर और पर्यटन मंत्री गुलाम अहमद मीर 11 बज कर 30 मिनट पर वहां पहुंचे। हालांकि ये मंत्री भूतल पर पानी जमा होने के कारण सिविल सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सके। यहां पर प्रवेश नहीं कर पाने पर वह राज्य विधानसभा परिसर चले गए और वहां रुके। वहां पर पानी सूख गया है।
 
राज्य सरकार ने मंगलवार को सिविल सचिवालय के 18 सितंबर से काम कर शुरु कर देने की घोषणा की थी और कर्मचारियों को काम पर आने का निर्देश दिया था। सचिवालय को ‘जल्दबाजी’ में फिर से खोलने को लेकर कई कर्मचारियों ने सरकार की आलोचना की है। एक कर्मचारी बिलकीस ने कहा कि हमसे कार्यालय पहुंचने को लेकर वे कैसे उम्मीद कर रहे हैं? भवन के भूतल पर अभी भी तीन फुट पानी जगा हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार को कम से कम कर्मचारियों को कार्यालय तक पहुंचने के लिए नौकाएं मुहैया करानी चाहिए।