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Last Updated :अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) , रविवार, 21 सितम्बर 2014 (23:26 IST)

अब सर्दी से मुकाबले की तैयारी में जुटे कश्‍मीरी

अब सर्दी से मुकाबले की तैयारी में जुटे कश्‍मीरी - Kashmir
अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर)। सर्दी का मौसम नजदीक आता देख दक्षिण कश्मीर के कई गांवों के लोग अपने घर के मलबे को खंगालने में जुटे हुए हैं, ताकि शायद उसमें से उनके काम की कोई चीज मिल जाए। यह इलाका बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित रहा था।
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के हसनपुरा तवाईला गांव में पांच सितम्बर को आई बाढ़ में घर ढह गए और पानी ने लोगों का सब कुछ छीन लिया। कौसर अहमद रेशी ने कहा, जब बाढ़ आई तो लगा मानो हमारे गांव, हमारे घरों में नदी बह रही हो और हमारा सब सामान बह गया। उन्होंने कहा कि चार दिन तक गांव में पानी रहा, जिसमें हमारा घर डूबा रहा और कई घर ढह गए।
 
घर के भूतल पर बिजली के सामान की दुकान चलाने वाले रेशी ने कहा, हमने अपने घर ढहते हुए देखे। मेरा तीन मंजिला मकान था और कुछ दूरी से मैंने इसे ढहते हुए देखा। रेशी अपने दो रिश्तेदारों के साथ रहते हैं और उनके परिवार के सदस्यों की कुल संख्या 32 है। सर्दी का मौसम नजदीक आता देख वे मलबे में उपयोगी सामान ढूंढ रहे हैं।
 
उन्होंने कहा, दुकान से कुछ सामान बह गया और शेष मलबे में दब गया। हमारे कपड़े, बर्तन, सामान और अनाज नष्ट हो गया। सर्दी का मौसम नजदीक आ रहा है और हम कुछ नहीं सोच पा रहे हैं। 
 
जम्मू से प्राप्त समाचार के मुताबिक फेसबुक के माध्यम से समन्वय करने वाले करीब 300 युवकों ने बाढ़ प्रभावित श्रीनगर में 20 हजार लोगों को बचाने का दावा किया है। समूह के सदस्य सलमान निजामी ने कहा कि देश के अलग-अलग इलाकों के युवकों ने सूचना साझा करने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया और कश्मीर पहुंचने के बाद बचाव एवं राहत अभियान चलाया ।
 
निजामी ने कहा कि समूह के सदस्यों में अधिकतर कॉलेज के छात्र हैं जिन्होंने राजबाग, जवाहर नगर, गोगजी बाग और बेमिना इलाकों में बचाव एवं राहत अभियान चलाया। उन्होंने कहा कि उनके प्रयासों का स्थानीय लोगों ने समर्थन किया जो बचाव कार्य के लिए एकजुट हुए थे।
 
निजामी ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने डल झील से तीन नाव किराए पर ली और अन्य लोगों की सहायता से अब तक 20 हजार लोगों को बचा चुके हैं। उन्होंने कहा, हमारे प्रयास में वायुसेना ने भी सहयोग किया और उन इलाकों से लोगों को बचाने में सहयोग किया जहां नाव से जाना संभव नहीं था। (भाषा)