शनिवार, 20 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. Jammu and Kashmir, heat
Written By सुरेश एस डुग्गर

इस बार की 'अशांति' कश्मीर के लिए होगी भारी

इस बार की 'अशांति' कश्मीर के लिए होगी भारी - Jammu and Kashmir, heat
श्रीनगर। कश्मीर में बनी हुई शांति बस कुछ दिनों की है। अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है कि अलगाववादी और पत्थरबाज जो अशांति भंग की तैयारियों में जुटे हैं उससे निपटने के लिए कश्मीर में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने पैलेट गन के 6 लाख कारतूसों की मांग की है और अगर सूत्रों पर विश्वास करें तो इनकी आपूर्ति अगले कुछ दिनों में पूरी हो जाएगी।
पिछले साल केरिपुब ने पत्थरबाजों से निपटने की खातिर 700 के लगभग पैलेट गनों और सवा लाख कारतूसों का सहारा लिया था, लेकिन अब अधिकारियों को आशंका है कि इस बार अगर हिंसा भड़की तो उसका स्तर पिछले साल से अधिक होगा। कारण स्पष्ट है। आतंकी भी घुसपैठ करने में कामयाब रहे हैं और पत्थरबाज नई नीतियों पर चलते हुए सुरक्षाबलों के आतंकवाद विरोधी अभियानों में रुकावटें पैदा कर रहे हैं।
 
अधिकारी कहते हैं कि इन 700 पैलेट गनों का इस्तेमाल सिर्फ श्रीनगर में हो रहा था लेकिन अब हिंसक आंदोलन सारी वादी में तेजी पकड़ने लगा है तो ऐसे में कश्मीर के अन्य हिस्सों में तैनात केरिपुब की कंपनियों ने भी पैलेट गनों की मांग की है ताकि वे प्रदर्शनकारियों पर सीधे तौर पर गोलियां न दागें।
 
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इस बार पैलेट गनों की जो नई खेप आने वाली है वह डिफलेक्टरों के साथ तैयार की गई है जिस कारण दागे गए कारतूस प्रदर्शनकारी की छाती से ऊपर के हिस्से पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगें लेकिन कश्मीर में जो 1200 से अधिक प्रदर्शनकारी अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं, उनको देखकर नहीं लगता कि प्रदर्शनकारियों की छाती या पांव को निशाना बनाकर पैलेट गन के कारतूस फायर किए गए होंगे।
 
यही कारण था कि केरिपुब की ओर से पैलेट गन तथा लाखों की संख्या में कारतूस मंगवाने के आग्रह से कश्मीर में अभी से हाहाकर मचना आरंभ हो गया है। कश्मीरियों का कहना है कि केंद्र सरकार कश्मीरियों को अंधा बनाने पर जुटी हुई है और इसके विरुद्ध प्रदर्शन भी आरंभ हो गए हैं।
 
इस मसले पर विपक्षी दल ही नहीं, बल्कि अधिकतर पीडीपी नेता भी एकजुट हैं, जिनका कहना है कि कश्मीर में प्रदर्शनकारियों से निपटने की खातिर पैलेट गन जैसे हथियार का इस्तेमल नहीं होना चाहिए, पर लगता है कश्मीर जल्द ही अंधों की बस्ती बन जाएगा, क्योंकि सुरक्षाबलों को प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए इससे अधिक प्रभावशाली कोई हथियार नजर नहीं आ रहा है।
ये भी पढ़ें
सीआरपीएफ जवानों को मिले नए बॉडी प्रोटेक्टर