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Last Modified: चेन्नई , रविवार, 28 अगस्त 2016 (12:33 IST)

इसरो ने रचा इतिहास, स्क्रैमजेट इंजन का सफल प्रक्षेपण

इसरो ने रचा इतिहास, स्क्रैमजेट इंजन का सफल प्रक्षेपण - ISRO successfully tests scramjet engine
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सफलता की एक और कहानी रचते हुए रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान प्रयोग होने वाले स्वदेश निर्मित स्क्रैमजेट इंजन का रविवार को सफल परीक्षण किया।
 
आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से रविवार सुबह 6 बजे आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट ने उड़ान भरी। इसके साथ ही भारत स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करने वाला चौथा देश बन गया है।
 
इसरो सूत्रों ने बताया कि स्क्रैमजेट इंजन की वजह से प्रक्षेपण की लागत कम आएगी, क्योंकि इससे प्रक्षेपण यानों के ईंधन के साथ ले जाए जाने वाले ऑक्सीडाइजर के वजन में भारी कमी आएगी।
 
तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र ने स्क्रैमजेट इंजनों को विकसित किया है जिसका इस्तेमाल आरएच-560 रॉकेट के लिए हो सकता है। यह इंजन देश का पहला पुन: इस्तेमाल किए जाने वाले प्रक्षेपण यान के निर्माण की इसरो की योजना का एक हिस्सा है।
 
परीक्षण के दौरान इंजन को 2 चरणों के आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट में लगाया गया और कंवेशनल इंजन के माध्यम से इसे 70 किलोमीटर की ऊंचाई पर प्रक्षेपित किया गया। आरएच का मतलब है- रोहिणी क्लास साउंडिंग रॉकेट और 560 इसके व्यास (मिलीमीटर में) का द्योतक है। 
 
करीब 300 सेकंड की उड़ान भरने के बाद रॉकेट का पहला चरण अलग होकर श्रीहरिकोटा से करीब 320 किलोमीटर दूर बंगाल की खाड़ी में गिरा। रॉकेट का दूसरा चरण ध्वनि की गति से 6 गुना रफ्तार से कुछ देर तक समतल चला और इसी दौरान 5 सेकंड के लिए स्क्रैमजेट इंजन में दहन हुआ। 
 
इसरो ने इस परीक्षण को महत्वपूर्ण बताया है। पहले इसका परीक्षण 28 जुलाई को होना था, लेकिन वायुसेना के मालवाहक विमान एएच-32 के गत 22 जुलाई को लापता होने के बाद उसकी तलाश में इसरो के जुट जाने के कारण परीक्षण स्थगित कर दिया गया था। (वार्ता) 
चित्र सौजन्य : सोशल मीडिया 
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