कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को चेतावनी दी कि नोटबंदी के खिलाफ वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आवास के बाहर प्रदर्शन करेंगी और कहा कि अगर उच्च मूल्य वाले नोटों का विमुद्रीकरण वापस नहीं लिया जाता है तो वे उन्हें सत्ता से हटा देंगी।
उन्होंने यहां एक रैली में कहा कि पूरा देश पीड़ित है। बैंक, एटीएम में पैसे नहीं हैं। नोटबंदी से हुई दिक्कतों के कारण अभी तक 80 लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन नरेन्द्र मोदी गहरी निद्रा में सो रहे हैं और देश को नकदीरहित अर्थव्यवस्था की तरफ ले जाने पर व्याख्यान दे रहे हैं।
कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक विरोध मार्च के बाद बनर्जी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं। वे इस स्थिति से कैसे निपटेंगे? मोदी के खिलाफ अपना विरोध जारी रखते हुए बनर्जी ने कहा कि 'जन विरोधी' निर्णय के खिलाफ वे अंत तक लड़ेंगी जिसने देश में 'अघोषित आर्थिक आपातकाल' लगा दिया है।
बनर्जी ने कहा कि मैं तब तक नहीं रूकूंगी जब तक कि इस निर्णय को वापस नहीं ले लिया जाता है। मैंने इस स्थिति से निपटने के लिए समाधान भी बताए हैं, लेकिन उन्होंने (केंद्र) स्वीकार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जो भी उनका विरोध करता है, उनकी आवाज दबाने के लिए वे सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग को भेज देते हैं, लेकिन वे मेरी आवाज नहीं दबा सकते। मैं फिर दिल्ली जाऊंगी और अपनी आवाज उठाऊंगी, विरोध मार्च निकालूंगी और जरूरत पड़ने पर मोदी के घर के बाहर प्रदर्शन करूंगी तथा मैं तब तक नहीं रूकूंगी, जब तक कि वे सत्ता से नहीं हट जाते।
तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ कोलकाता के मध्य में विशाल रैली निकाली। उन्होंने 'जन विरोधी' नीति के खिलाफ विरोध जताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले बुद्धिजीवियों की प्रशंसा की। बनर्जी ने खुद ही 'मोदी सरकार हाय-हाय' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाए।
बनर्जी ने नोटबंदी के मुद्दे पर दिल्ली में 23 नवंबर को धरना दिया था और रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। वे 29 नवंबर को लखनऊ और अगले दिन पटना में सभा को संबोधित करने वाली हैं। बनर्जी ने कहा कि लखनऊ में मेरी ज्यादा ताकत नहीं है, लेकिन मेरा मानना है कि आम आदमी मेरे साथ है। इस मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के हमले में वे अग्रणी हैं।
टीएमसी प्रमुख ने कहा कि नोटबंदी के खिलाफ आवाज उठाने वाले दूसरे दलों को प्रधानमंत्री धमकी दे रहे हैं। आप हमें जेल भिजवाने के अलावा और क्या कर सकते हैं? नोटबंदी पर कार्ययोजना होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर लोगों के पास पैसा नहीं होगा तो वे क्या खाएंगे? क्या वे डेबिट कार्ड या मोबाइल खाएंगे? बनर्जी ने वामपंथी दलों को सलाह दी कि बंद का आह्वान नहीं करें, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर होगा। वामपंथी दलों ने इस मुद्दे पर राज्य में 12 घंटे के बंद की अपील की है।
उन्होंने कहा कि आप बंद क्यों बुला रहे हैं? अगर आप विरोध करना चाहते हैं तो आप सड़कों पर क्यों नहीं उतरते और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी क्यों नहीं करते? हड़ताल और बंद से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा। (भाषा)