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Last Modified: मंगलवार, 24 मई 2016 (12:02 IST)

ब्रेड से कैंसर : जानें क्या कहना है ब्रेड निर्माता कंपनियों का..

ब्रेड से कैंसर : जानें क्या कहना है ब्रेड निर्माता कंपनियों का.. - indian Bread manufacturers denies harmful substains in their products
इन दिनों खाने-पीने की सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली वस्तुओं में हानिकारक पदार्थों की मिलावट के नित नए मामले सामने आ रहे हैं। अभी मैगी को लेकर विवाद थमा ही था कि एक अध्‍ययन द्वारा किए गए दावे के अनुसार दिल्‍ली के सभी टॉप ब्रेड ब्रांड्स में कैंसरकारक केमिकल पाए गए हैं।


सीएसई के डिप्‍टी डायरेक्‍टर जनरल, चंद्र भूषण ने प्रेस वार्ता में कहा कि हमने पोटैशियम ब्रोमेट व आयोडेट के लिए 84 फीसद सैंपल्‍” को पॉजिटीव पाया है। हमने बाहरी थर्ड पार्टी लैब (मुंबई) से कुछ सैंपल्‍स में पोटैशियम ब्रोमेट या आयोडेट की उपस्‍थिति की पुष्‍टि की। हमने लेबल की जांच की, साथ ही उद्योग और वैज्ञानिकों से बात की। हमारे अध्ययन से पोटेशियम ब्रोमेट के व्यापक उपयोग की पुष्टि हुई।

क्या कहना है ब्रेड निर्माताओं कंपनियों का इस मामले पर : सीएसई के इस दावे को खारिज करते हुए दिल्‍ली के निर्माताओं ने कहा कि वे भारतीय खाद्य नियामक द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करते हैं। ऑल इंडिया ब्रेड मैन्‍युफैक्‍चरर्स असोसिएशन के अध्‍यक्ष रमेश मागो ने कहा, 'एफएसएसएआई के नियामक ने ब्रेड और बेकरी के लिए उपयोग किए जाने वाले मैदा (20 ppm max) के लिए पोटैशियम ब्रोमेट और पौटैशियम आयोडेट के उपयोग की अनुमति दी है।'
 
मागो ने बताया कि इस एडिटिव को सुरक्षित माना जाता है और व्यापक रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे उन्नत देशों में प्रयोग किया जाता है।सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (CSE) द्वारा किए गए एक स्‍टडी के अनुसार सामान्‍य तौर पर उपलब्‍ध 38 ब्रांड्स के 84 फीसद ब्रेड, जिसमें पाव और बंस हैं, जांच के दौरान पोटैशियम ब्रोमेट व पोटैशियम आयोडेट के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक तत्‍वों की वजह से कई देशों में ये प्रतिबंधित हैं।
 
इस स्‍टडी का दावा है कि इसमें पाए गए केमिकल्‍स की वजह से एक ओर जहां कैंसर की संभावना है वहीं दूसरी ओर थायरॉयड डिसऑर्डर भी हो सकता है लेकिन भारत में इसके उपयोग पर पाबंदी नहीं लगाई गई है। 

सीएसई ने इस स्‍टडी में ब्रिटैनिया, हार्वेस्‍ट गोल्‍ड और फास्‍ट फूड चेन- केएफसी, पिज्‍जा हट, डोमिनोस, सबवे, मैक्‍डोनाल्‍ड्स और स्‍लाइस ऑफ इटली के सैंपल्‍स लिए गए। ब्रिटैनिया, केएफसी, डोमिनोस, मैक्‍डोनाल्‍ड्स और सबवे ने अपने उत्‍पाद में ऐसे रसायनों के उपयोग से इंकार किया है। 
 
क्या कहते हैं जिम्मेदार : केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने सीएसई रिपोर्ट के आधार पर इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि हमने इस मामले को सीज कर लिया है। मैंने अपने अधिकारियों से तुरंत रिपोर्ट करने को कहा है। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बहुत जल्द हम (जांच) की रिपोर्ट सामने लाएंगे।